
- ईरान और इजरायल के बीच तनाव में अमेरिका की भागीदारी ने स्थिति को गंभीर बना दिया है.
- अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर स्थलों पर बड़े हमले किए हैं, जिससे प्रतिक्रिया की चिंता बढ़ी है.
- सोशल मीडिया पर तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के मीम्स और चर्चाएं तेजी से फैल रही हैं.
ईरान और इजरायल के बीच की जंग में अमेरिका के कूदने से स्थिति नाजूक हो गई है. ईरान के तीन न्यूक्लियर ठिकानों पर अमेरिका ने बड़े पैमाने पर हमले किए हैं और ईरान अब बदला लेने की कसम खा चुका है. ऐसे में दो मुल्कों की जंग के अब पूरे मिडिल ईस्ट में फैलने और उसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ने की संभावना बहुत बढ़ गई है. ऐसे में सोशल मीडिया पर जंग से जुड़े कई मुद्दे हैशटैग के साथ वायरल हो रहे हैं. चलिए आपको ऐसे ही 6 मुद्दों के बारे में सबकुछ बताते हैं.
'वर्ल्ड वॉर 3'
इन हमलों से कई लोगों के जेहन में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी पैदा हो गई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अमेरिका से लेकर भारत तक, 'World War III' ट्रेंड करना शुरू हो गया है. जब दुनिया किसी बड़े मुसीबत में दिखती है तो वह हास्य का सहारा लेती है. कुछ ऐसा ही सोशल मीडिया पर हो रहा है. अमेरिकी सेना ने ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया तो उसके बाद सोशल मीडिया पर तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका से जुड़ें मीम्स की बाढ़ आ गई.
बता दें कि विश्व युद्ध एक बड़े पैमाने का संघर्ष है जिसमें दुनिया के कई प्रमुख देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होते हैं. मानव इतिहास में ऐसे दो युद्ध हुए हैं - प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) और द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945). दोनों ने एक ही घटना से शुरुआत की लेकिन धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अराजकता में खींच लिया.
मेक ईरान ग्रेट अगेन
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए नारा दिया था ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' (MAGA) यानी अमेरिका को फिर से महान बनाओ. अब उन्होंने ईरान पर बम बरसाने के बाद मेक ईरान ग्रेट अगेन (MIGA) का नारा दे दिया है. उन्होंने साफ-साफ ईरान में तख्तापलट कराने का संकेत दिया है. ट्रंप ने अपने खुद के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "'शासन परिवर्तन' शब्द का उपयोग करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है, लेकिन यदि वर्तमान ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा??? MIGA!!!"
अयातुल्ला अली खामेनेई
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई इस मुश्किल समय में खबरों में हैं. आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका और इजरायल मिलकर ईरान में शासन परिवर्तन करना चाहते हैं और इसके लिए खामेनेई की हत्या भी कराई जा सकती है. ऐसे में द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई ने अपनी हत्या होने पर उनकी जगह लेने के लिए तीन वरिष्ठ मौलवियों को सुप्रीम लीडर पर का उम्मीदवार बनाया है. अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एक गहरे बंकर में रहने वाले खामेनेई ने अधिकारियों को अपने आसपास के सभी इलेक्ट्रॉनिक संचार बंद करने का भी निर्देश दिया है, ताकि उन्हें ढूंढना मुश्किल हो सके.
Death to America (डेथ टू अमेरिका)
Death to America भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. ट्रंप ने ईरान में अमेरिकी हमले के बाद अपने संबोधन में दावा किया कि "40 साल से, ईरान कह रहा है, 'अमेरिका को मौत (डेथ टू अमेरिका), इजरायल को मौत (डेथ टू इजरायल).' गौरतलब है कि अमेरिका के जंग में कूदने से पहले ही तेहरान में प्रदर्शनकारियों ने ईरान पर इजराइल के हमलों का विरोध किया और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की तस्वीरें लेकर अमेरिका विरोधी और इजराइल विरोधी नारे लगाए. उनके प्लेकार्ड पर डेथ टू अमेरिका जैसे नारे लिखे हुए थे.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद रविवार को आपातकालीन बैठक आयोजित की. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत अमीर सईद इरावानी ने इजरायल पर राजनयिक प्रयासों को विफल करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि ईरानी सेना अमेरिका और इजरायल द्वारा हाल के हमलों पर अपनी प्रतिक्रिया का "समय, प्रकृति और पैमाना" निर्धारित करेगी. उनकी टिप्पणी रविवार (स्थानीय समय) को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सुरक्षा परिषद के एक आपातकालीन विशेष सत्र के दौरान आई, जो एजेंडा आइटम "अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा" के तहत बुलाई गई थी.
यूरेनियम (Uranium)
अमेरिका और इजरायल ने ईरान पर यह आरोप लगा के हमला किया है कि उसने परमाणु हथियार बनाने के लिए फ्यूल के रूप में काम करने वाले रेडियोएक्टिव एलिमेंट यूरेनियम को उच्च स्तर तक शुद्ध कर लिया है और कुछ हफ्तों में ईरान परमाणु हथियार बना सकता था. अमेरिका ने रविवार को ईरान के 3 न्यूक्लियर प्लान पर बम गिराए थे. ये तीनों यूरेनियम एनरिचमेंट साइट हैं. सैटेलाइट से आईं तस्वीरों से संकेत मिलता है कि ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र पर अमेरिकी हमले में गहराई से दबी हुई साइट और उसमें स्थित यूरेनियम-एनरिच करने वाले सेंट्रीफ्यूज गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए - और संभवतः नष्ट हो गए, लेकिन विशेषज्ञों ने रविवार को कहा कि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है.
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