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ईरान नहीं छोड़ेगा अपना परमाणु कार्यक्रम! पीछे न हटने की कसम खाकर भी ट्रंप को कैसे कर दिया खुश?

Iran Nuclear Program: ईरान के विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में अगर पश्चिमी देशों के साथ कोई भी परमाणु समझौता होता है तो उसमें ईरान के लिए संवर्धन का अधिकार शामिल होना चाहिए.

ईरान नहीं छोड़ेगा अपना परमाणु कार्यक्रम! पीछे न हटने की कसम खाकर भी ट्रंप को कैसे कर दिया खुश?
ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई की फाइल फोटो
  • ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि परमाणु कार्यक्रम को नुकसान के बावजूद छोड़ने की कोई योजना नहीं है.
  • 'यूरेनियम संवर्धन फिलहाल रुका हुआ है, पर भविष्य में किसी भी समझौते में संवर्धन का अधिकार जरूरी होगा'- ईरान
  • अराघची ने माना कि परमाणु सुविधाएं नष्ट हुई हैं, लेकिन तकनीक और कार्यक्रम पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं.
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अमेरिका और इजरायल ने मिलकर ईरान पर हमला किया लेकिन लगता है कि वो उसके इरादों को कमजोर नहीं कर पाए हैं. ईरान ने एक बार फिर साफ-साफ कहा है कि वो अपने परमाणु कार्यक्रम को नहीं छोड़ेगा. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने सोमवार, 21 जुलाई को कहा कि पिछले महीने हुए अमेरिकी हमलों के बाद परमाणु ठिकानों को हुई "गंभीर" क्षति के बावजूद, ईरान की अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने की कोई योजना नहीं है. वो यूरेनियम संवर्धन (यानी उसे शुद्ध) करता रहेगा.

अब्बास अराघची ने फॉक्स न्यूज से कहा कि फिलहाल यूरेनियम के संवर्धन को रोक दिया गया है क्योंकि नुकसान (परमाणु ठिकानों को) गंभीर और भारी है. “लेकिन जाहिर तौर पर हम संवर्धन नहीं छोड़ सकते क्योंकि यह हमारे अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धि है." उन्होंने इसे "राष्ट्रीय गौरव" का स्रोत बताते हुए जारी रखने की बात कही है.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में अगर पश्चिमी देशों के साथ कोई भी परमाणु समझौता होता है तो उसमें ईरान के लिए संवर्धन का अधिकार शामिल होना चाहिए.

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका के हमलों के बीच किसी भी समृद्ध यूरेनियम को बचाया गया है, अराघची ने कहा कि उनके पास "कोई विस्तृत जानकारी नहीं है", लेकिन ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन "यह मूल्यांकन करने की कोशिश कर रहा है कि हमारी परमाणु सामग्री, हमारी समृद्ध सामग्री के साथ वास्तव में क्या हुआ है."

गौरतलब है कि अमेरिका ने इजराइल के 12 दिवसीय सैन्य हमले का समर्थन करने के लिए 22 जून को ईरान में तीन परमाणु सुविधाओं पर बमबारी की, जिसमें तेहरान के दक्षिण में स्थित फोर्डो भूमिगत यूरेनियम संवर्धन स्थल भी शामिल था.

अमेरिका का हमला जोरदार था- ट्रंप के दावे पर ईरान की मुहर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार अपने दावों में हमलों को सफल बताया है और कहा कि हमले में साइटों को "पूरी तरह से नष्ट" कर दिया है. अब अराघची भी ट्रंप के इस दावे पर मुहर लगाते दिख रहे हैं. यह कहते हुए कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर विवाद का कोई सैन्य समाधान नहीं है, अराघची ने फॉक्स न्यूज को बताया कि "हां, सुविधाएं नष्ट हो गई हैं. वे गंभीर रूप से नष्ट हो गई हैं."

उन्होंने कहा, "लेकिन तकनीक वहां मौजूद है, हमारा परमाणु कार्यक्रम, हमारा संवर्धन कार्यक्रम, बाहर से आयात की गई कोई चीज नहीं है जिसे बमबारी से नष्ट किया जा सके."

ट्रंप ने सोमवार को अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में अराघची की टिप्पणियों का स्वागत किया. अमेरिकी राष्ट्रपति को पोस्ट में लिखा, "जैसा मैंने कहा था, और यदि आवश्यक हुआ तो हम इसे (हमला) दोबारा करेंगे!" 

अराघची की टिप्पणी तब आई है जब ईरान शुक्रवार को इस्तांबुल में जर्मनी, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम पर नई बातचीत करने के लिए तैयार है. क्षेत्रीय तनाव को कम करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत के संबंध में, अराघची ने कहा, "हम बातचीत के लिए तैयार हैं" लेकिन "फिलहाल सीधे तौर पर नहीं."

उन्होंने कहा, "अमेरिकी प्रतिबंध हटाए जाने के बदले में हम यह साबित करने के लिए तैयार हैं कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है." ईरान के विदेश मंत्री ने यह भी पुष्टि की कि ईरान मिसाइलों का विकास और निर्माण जारी रखेगा.

यह भी पढ़ें: ईरान परमाणु वार्ता के लिए तैयार! अमेरिका नहीं इन 3 यूरोपीय शक्तियों के साथ 25 जुलाई को बातचीत

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