लेखक सलमान रुश्दी (फाइल फोटो)
लंदन:
ईरान के कट्टरपंथी मीडिया समूहों ने भारतीय मूल के विवादास्पद लेखक सलमान रूश्दी की हत्या के लिए ईनाम के तौर पर छह लाख डॉलर की रकम जुटाई है। यह रूश्दी के खिलाफ ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमेनी की ओर से फतवा जारी किए जाने के 27 साल बाद हुआ है।
समाचार पत्र ‘द टाइम्स’ के अनुसार फतवे के तहत रकम में बढ़ोतरी के मकसद से करीब 40 संगठनों ने धन संग्रह किया है। इन संगठनों में कई सरकारी मीडिया इकाइयां शामिल हैं। ‘द सैटनिक वर्सेज’ नामक पुस्तक को लेकर रूश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया गया था।
समाचार एजेंसी ‘फार्स’ के संपादकीय दल के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘‘सलमान रूश्दी के खिलाफ फतवा धार्मिक फतवा है। धार्मिक फतवे को कोई खत्म नहीं कर सकता। यह पहले था, आज है और आगे भी रहेगा।’’ 68 वर्षीय रूश्दी के खिलाफ 27 साल पहले दिए गए फतवे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान की बहुत आलोचना हुई थी। ब्रिटेन ने ईरान से करीब एक दशक के लिए अपने राजनयिक संबंध खत्म कर दिए थे। 1998 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध की फिर से शुरूआत हुई।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
समाचार पत्र ‘द टाइम्स’ के अनुसार फतवे के तहत रकम में बढ़ोतरी के मकसद से करीब 40 संगठनों ने धन संग्रह किया है। इन संगठनों में कई सरकारी मीडिया इकाइयां शामिल हैं। ‘द सैटनिक वर्सेज’ नामक पुस्तक को लेकर रूश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया गया था।
समाचार एजेंसी ‘फार्स’ के संपादकीय दल के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘‘सलमान रूश्दी के खिलाफ फतवा धार्मिक फतवा है। धार्मिक फतवे को कोई खत्म नहीं कर सकता। यह पहले था, आज है और आगे भी रहेगा।’’ 68 वर्षीय रूश्दी के खिलाफ 27 साल पहले दिए गए फतवे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान की बहुत आलोचना हुई थी। ब्रिटेन ने ईरान से करीब एक दशक के लिए अपने राजनयिक संबंध खत्म कर दिए थे। 1998 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध की फिर से शुरूआत हुई।
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