मेदान (इंडोनेशिया):
इंडोनेशिया के तीसरे सबसे बड़े शहर मेदान स्थित एक जेल में गुरुवार देर रात हुए दंगे के बाद कैदियों ने जेल को आग लगा दी और आतंकवादियों सहित करीब 200 कैदी फरार हो गए।
हजारों पुलिसकर्मी और सैनिक तांजुंग गुस्ता जेल के आसपास तैनात हैं, जिससे उत्तरी सुमात्रा की राजधानी मेदान को अन्य प्रांतों से जोड़ने वाली सड़कें बंद हैं। अग्निशमन दस्ते जेल में लगी आग को बुझाने में लगे हैं। गुरुवार देर रात हुए दंगे में जेल के तीन कर्मचारियों और दो कैदियों की मौत हो गई। दंगे से पैदा हुई अफरातफरी का फायदा उठाकर करीब 200 कैदी जेल से फरार हो गए।
स्थानीय पुलिस प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल निको अफींता ने बताया कि अधिकारियों ने फरार हुए कैदियों में से 55 को फिर गिरफ्तार कर लिया है और अन्य कैदियों की तलाश की जा रही है। दोषी साबित 22 आतंकवादियों में से तीन पकड़ लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मरने वाले जेल कर्मियों में एक महिला भी शामिल है। ये लोग जेल इमारत के कार्यालय में फंस गए थे, जिसे देर रात दंगे के दौरान आग लगा दी गई।
ऐसा बताया जा रहा है कि जेल में बिजली गुल रहने की वजह से दंगा भड़का। बिजली नहीं होने से कैदियों को सुबह से पानी नहीं मिला था। जेल निदेशालय के प्रवक्ता अकबर हदी ने बताया कि कैदियों ने करीब 15 अधिकारियों को जेल के भीतर बंधक बना लिया। जेल में करीब 2600 कैदी हैं, जबकि इसकी क्षमता 1500 कैदियों की है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जेल के भीतर से गोली चलने की आवाजें सुनी गईं। जेल से आग की लपटें और धुएं का गुबार उठने लगा। अभियान को देख रहे उप न्याय मंत्री डेनी इंद्रयाना ने अधिकारियों से जेल से सभी कैदियों को सुरक्षित बाहर निकालने को कहा है और फरार कैदियों से कहा है कि वे खुद अधिकारियों के समक्ष समर्पण कर दें। इंद्रयाना ने कहा कि फरार कैदियों का पीछा किया जाएगा और जो समर्पण नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटना में घायल हुए लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
हजारों पुलिसकर्मी और सैनिक तांजुंग गुस्ता जेल के आसपास तैनात हैं, जिससे उत्तरी सुमात्रा की राजधानी मेदान को अन्य प्रांतों से जोड़ने वाली सड़कें बंद हैं। अग्निशमन दस्ते जेल में लगी आग को बुझाने में लगे हैं। गुरुवार देर रात हुए दंगे में जेल के तीन कर्मचारियों और दो कैदियों की मौत हो गई। दंगे से पैदा हुई अफरातफरी का फायदा उठाकर करीब 200 कैदी जेल से फरार हो गए।
स्थानीय पुलिस प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल निको अफींता ने बताया कि अधिकारियों ने फरार हुए कैदियों में से 55 को फिर गिरफ्तार कर लिया है और अन्य कैदियों की तलाश की जा रही है। दोषी साबित 22 आतंकवादियों में से तीन पकड़ लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मरने वाले जेल कर्मियों में एक महिला भी शामिल है। ये लोग जेल इमारत के कार्यालय में फंस गए थे, जिसे देर रात दंगे के दौरान आग लगा दी गई।
ऐसा बताया जा रहा है कि जेल में बिजली गुल रहने की वजह से दंगा भड़का। बिजली नहीं होने से कैदियों को सुबह से पानी नहीं मिला था। जेल निदेशालय के प्रवक्ता अकबर हदी ने बताया कि कैदियों ने करीब 15 अधिकारियों को जेल के भीतर बंधक बना लिया। जेल में करीब 2600 कैदी हैं, जबकि इसकी क्षमता 1500 कैदियों की है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जेल के भीतर से गोली चलने की आवाजें सुनी गईं। जेल से आग की लपटें और धुएं का गुबार उठने लगा। अभियान को देख रहे उप न्याय मंत्री डेनी इंद्रयाना ने अधिकारियों से जेल से सभी कैदियों को सुरक्षित बाहर निकालने को कहा है और फरार कैदियों से कहा है कि वे खुद अधिकारियों के समक्ष समर्पण कर दें। इंद्रयाना ने कहा कि फरार कैदियों का पीछा किया जाएगा और जो समर्पण नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटना में घायल हुए लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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