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This Article is From Jun 21, 2012

पाकिस्तान में परिवर्तन से वार्ता नहीं होगी प्रभावित : भारत

नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान में नेतृत्व परिवर्तन का प्रभाव दोनों देशों के मध्य जारी वार्ता प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा। पाकिस्तान में नये प्रधानमंत्री के नाम को लेकर कवायद चल रही है।

पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा था कि यूसुफ रजा गिलानी प्रधानमंत्री एवं सांसद के रूप में न्यायालय की अवमानना के लिए 26 अप्रैल को दोषी ठहराए जाने के दिन से ही अयोग्य हैं।

गिलानी ने शीर्ष न्यायालय के निर्देश के बावजूद राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने के लिए स्विस प्रशासन को पत्र लिखने से इंकार कर दिया था।

पत्रकारों के यह पूछने पर कि क्या पाकिस्तान में नेतृत्व परिवर्तन का प्रभाव दोनों देशों के मध्य जारी वार्ता प्रक्रिया पर पड़ेगा तो कृष्णा ने कहा, "हम लोग पाकिस्तान में हो रहे परिवर्तनों पर नजदीकी से नजर रखे हुए हैं। जो कुछ भी घटित हो उसका प्रभाव वार्ता पर नहीं पड़ेगा।"

भारतीय विदेश सचिव रंजन मथाई से वार्ता के लिए पाकिस्तान के विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी का जुलाई में भारत दौरा प्रस्तावित है। इस वार्ता का उद्देश्य कृष्णा के इस्लामाबाद दौरे का आधार तैयार करना है।

कृष्णा की टिप्पणी के कुछ ही घंटे बाद नये प्रधानमंत्री के नाम पर विचार विमर्श करने के लिए सत्तारुढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने बुधवार शाम को इस्लामाबाद में बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री के लिए जो नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं उनमें वस्त्र मंत्री मखदूम शहाबुद्दीन और जल एवं ऊर्जा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार प्रमुख हैं।

पाकिस्तान का निचला सदन नेशनल असेम्बली शुक्रवार को एक बैठक में औपचारिक तौर पर नये प्रधानमंत्री का चुनाव करेगा।

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