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This Article is From Feb 20, 2017

भारत द्वारा एक साथ 104 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण 'आंखें खोलने वाला' : चीनी मीडिया

भारत द्वारा एक साथ 104 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण 'आंखें खोलने वाला' : चीनी मीडिया
इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्‍च कर रिकॉर्ड कायम किया है
बीजिंग: चीनी अधिकारियों का कहना है कि उपग्रह प्रक्षेपण प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के मामले में भारत ने चीन से अच्छा काम किया है और इसके कारण बीजिंग दुनिया के छोटे उपग्रह बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने रॉकेट प्रक्षेपणों का व्यवसायीकरण तेज करने के लिए प्रेरित हो सकता है. गौरतलब है कि चीन ने पहले 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी और भारत को अमेरिका और रूस से पीछे बताया था. शंघाई इंजीनियरिंग सेंटर फॉर माइक्रोसेटेलाइट्स के निदेशक झांग योंघे ने कहा, ‘व्यवसायिक अंतरिक्ष के बढ़ते बाजार के लिए चल रही वैश्विक दौड़ में देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता के बीच, इस प्रक्षेपण ने दिखा दिया है कि भारत अंतरिक्ष में कम खर्च में व्यवसायिक उपग्रह भेज सकता है.’

चीन के सरकारी मीडिया ने ‘भारतीय उपग्रह प्रक्षेपण ने तेज की अंतरिक्षीय दौड़’ शीषर्क वाली रिपोर्ट में चीनी अधिकारियों के हवाले से कहा कि भारत की सफलता के बाद चीन अपने रॉकेट प्रक्षेपणों के व्यवसायीकरण को तेज कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि झांग का मानना है कि भारत ने अपनी प्रक्षेपण सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय तौर पर बढ़ावा देने में चीन से अच्छा काम किया है.

चीन से पहले भारत के मंगल पर पहुंच जाने की बात को रेखांकित करने के साथ-साथ झांग ने पिछले सप्ताह भारत द्वारा एक ही रॉकेट के जरिए 104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर देने की सराहना की. झांग ने कहा, ‘विश्व में फैलते छोटे उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए चीन अपने रॉकेट प्रक्षेपणों का व्यवसायीकरण तेज कर सकता है.’ ग्लोबल टाईम्स ने कहा, ‘बुधवार का प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की हालिया जीत है.’

चीन ने इसरो के रिकॉर्ड को बताया था सीमित कामयाबी
चीन की सधी प्रतिक्रिया आई है. चीनी अखबार ने अपने एक लेख में लिखा है कि 104 सैटेलाइट लांच करना भारत के लिए उपलब्धि तो है लेकिन भारत अभी भी स्पेस के क्षेत्र में अमेरिका और चीन से काफी पीछे है. वहीं, जब भारत ने मंगलयान का सफल मिशन किया था तो चीनी मीडिया ने उसे एशिया के लिए गौरव बताया था. चीन ने कहा था कि वह भारत के साथ मिलकर स्पेस के क्षेत्र में काम करना चाहता है. चीन मीडिया के इस लेख में कहा गया है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में कामयाबी सिर्फ अंकों के आधार पर नहीं गिनी जा सकती, इसलिए यह एक सीमित कामयाबी है. चीनी मीडिया के इस लेख में भारत पर तंज कसते हुए कहा गया है कि चीन के दो अंतरिक्षयात्रियों ने पिछले वर्ष 30 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे वहीं, भारत के पास अभी तक स्पेस स्टेशन के लिए कोई भी योजना नहीं है. और तो और चीनी मीडिया ने यह भी कहा कि मौजूदा समय में भारत का कोई भी अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष में नहीं है.

(इनपुट भाषा से...)

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