वॉशिंगटन:
भारतीय-अमेरिकी और अमेरिका के पहले मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी अनीश पॉल चोपड़ा औपचारिक रूप से वर्जीनिया प्रांत के लेफ्टिनेंट गर्वनर पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं।
जून में होने वाले चुनाव में उम्मीदवारी पाने के लिए न्यूनतम 10 हजार हस्ताक्षर चाहिए थे। चोपड़ा ने सोमवार को इससे दोगुनी संख्या में 20,630 हस्ताक्षर वाली याचिका सौंपी।
कल अपनी हस्ताक्षर याचिका जमा करते हुए चोपड़ा ने कहा, ‘‘इसका श्रेय इस अभियान को चला रहे जमीनी स्तर से जुड़े तंत्र को जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जीत के रास्ते में उठाया गया यह सिर्फ एक कदम है लेकिन मैं हमारे प्रयासों को लेकर बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं। यह हमारे समर्पित और परिश्रमी समर्थकों एवं स्वंयसेवकों के बिना संभव नहीं था।’’
चुनाव जीतने पर चोपड़ा वर्जीनिया में शीर्ष पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अमेरिकी होंगे।
वर्जीनिया में रहने वाला भारतीय अमेरिकी समुदाय चोपड़ा के समर्थन में आ गया है। चोपड़ा को वर्ष 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश का पहला मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी नियुक्त किया था।
जून में होने वाले चुनाव में उम्मीदवारी पाने के लिए न्यूनतम 10 हजार हस्ताक्षर चाहिए थे। चोपड़ा ने सोमवार को इससे दोगुनी संख्या में 20,630 हस्ताक्षर वाली याचिका सौंपी।
कल अपनी हस्ताक्षर याचिका जमा करते हुए चोपड़ा ने कहा, ‘‘इसका श्रेय इस अभियान को चला रहे जमीनी स्तर से जुड़े तंत्र को जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जीत के रास्ते में उठाया गया यह सिर्फ एक कदम है लेकिन मैं हमारे प्रयासों को लेकर बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं। यह हमारे समर्पित और परिश्रमी समर्थकों एवं स्वंयसेवकों के बिना संभव नहीं था।’’
चुनाव जीतने पर चोपड़ा वर्जीनिया में शीर्ष पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अमेरिकी होंगे।
वर्जीनिया में रहने वाला भारतीय अमेरिकी समुदाय चोपड़ा के समर्थन में आ गया है। चोपड़ा को वर्ष 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश का पहला मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी नियुक्त किया था।
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