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This Article is From Feb 23, 2018

अमेरिका में एच1बी वीजा जारी करने के नियम सख्त, भारतीय आईटी कंपनियों के सामने बड़ी समस्या

अमेरिकी सरकार की नयी नीति के तहत यह साबित करना होगा कि एक या एक से अधिक स्थानों पर जॉब-वर्क की तरह के काम करने के लिए इस वीजा पर बुलाए जा रहे कर्मचारी का काम विशिष्ट प्रकार का है और उसे खास जरूरत के लिए बुलाया जा रहा है. 

अमेरिका में एच1बी वीजा जारी करने के नियम सख्त, भारतीय आईटी कंपनियों के सामने बड़ी समस्या
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप  सरकार ने एच1बी वीजा जारी करने के नियम सख्त कर दिए हैं जिससे यहां खास कर जॉब-वर्क करने वाली भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए अल्पकालिक अवधि के लिए भारत से कुशलकर्मियों को बुलाने में भारी दिक्कतें हो सकती है. अमेरिकी सरकार की नयी नीति के तहत यह साबित करना होगा कि एक या एक से अधिक स्थानों पर जॉब-वर्क की तरह के काम करने के लिए इस वीजा पर बुलाए जा रहे कर्मचारी का काम विशिष्ट प्रकार का है और उसे खास जरूरत के लिए बुलाया जा रहा है. 

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सरकार यह वीजा ऐसे कर्मचारियों के लिए जारी करती है जो बहुत उच्च कौशल प्राप्त होते हैं और उस तरह के हुनरमंद लोगों की अमेरिका में कमी होती है. सरकार ने कल सात पृष्ठ का एक नीतिगत दस्तावेज जारी किया जिसमें एच1बी वीजा के नए नियम जारी किए गए हैं. 

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इसके तहत अमेरिका के नागरिकता और आव्रजन विभाग को यह वीजा केवल तीसरे पक्ष के साइट कार्य (कार्यस्थल) की अवधि तक के लिए जारी करने की ही अनुमति होगी. इस तरह इसकी अवधि तीन साल से कम की हो सकती है जबकि पहले यह एक बार में तीन साल के लिए दिया जाता था. यह नियम लागू हो गया है. इसके लिए ऐसा समय चुना गया है जबकि 1 अक्तूबर 2018-19 से शुरु होने वाले वित्त वर्ष के लिए एच1बी वीजा के आवेदन 2 अप्रैल से आमंत्रित किए जा सकते हैं.

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