अमेरिका में भारत के एक कॉलेज ट्रेनी ने करीब 24 वरिष्ठ नागरिकों से दस लाख डॉलर की ठगी की. इसे टेलीमार्केटिंग घोटाले में तकनीकी सहायता मुहैया कराने के जुर्म में पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है. वरिष्ठ नागरिकों से उनकी सेवानिवृत्ति बचत राशि ठगी गई.
न्याय विभाग ने बताया कि हॉस्पिटैलिटी उद्योग प्रशिक्षण पर अमेरिका आए भारतीय कॉलेज के छात्रों के एक समूह के नेता बिश्वजीत कुमार झा (21) ने 58 वर्ष से 93 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागिकों को ठगा.
झा की जेल की सजा की अवधि खत्म होने पर उसे प्रत्यर्पण की प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा.
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न्याय विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पीड़ितों से 1,180 डॉलर से 174,300 डॉलर तक की धनराशि ठगी गई.
संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि करीब 24 पीड़ितों ने माना कि उन्होंने तकनीकी सेवाएं खरीदी है. उन्हें यह भरोसा दिलाया गया कि तकनीकी सहायता मुहैया करा रही कंपनी ने गलती से उनके बैंक खातों में पैसा भेज दिया.
पीड़ितों को गलती से भेजा गया पैसा लौटाने के लिए कहा गया. कुछ पीड़ितों को विदेशों में पैसा भेजने के लिए कहा गया.
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न्यूपोर्ट पुलिस ने 20 नवंबर 2018 को टेलीमार्केटिंग घोटाले का पर्दाफाश किया जब जांचकर्ताओं ने अदालत के आदेश पर झा और साजिश रचने वाले अन्य सदस्यों के आवास पर तलाशी ली.
तलाशी के दौरान पुलिस ने घोटाले से संबंधित कई सामग्री बरामद की.
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