चीन में भारतीय दूतावास ने बुधवार को कोरोना वायरस यात्रा प्रतिबंधों के कारण यहां फंसे सभी भारतीय नागरिकों से संपर्क करने को कहा. दूतावास ने कहा कि जो भारतीय वतन वापसी के इच्छुक हैं तो वे संपर्क करें, लेकिन यह साफ किया कि प्रवासी मजदूरों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओें और छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी. भारत सरकार ने सोमवार को घोषणा कि थी कि विदेश में फंसे नागरिकों को वापस लाने के अभियान की शुरुआत सात मई से होगी. दूतावास की वेबसाइट पर जारी नोटिस के मुताबिक, 'भारत सरकार ने देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने का फैसला किया है.' इसके मुताबिक यात्रा का खर्च संबंधित यात्रियों को वहन करना होगा और मुसीबत में फंसे और अधिक जरूरतमंद लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.
बयान के अनुसार, भारत वापस जाने के इच्छुक लोगों को यह वचन देना होगा कि वे पहुंचने पर 14 दिन के अनिवार्य संस्थागत पृथक-वास में रहेंगे और इसका शुल्क भी अदा करेंगे और वे अपने जोखिम पर यात्रा कर रहे होंगे. इसमें कहा गया कि हालांकि चीन में फंसे भारतीयों को अभियान के पहले चरण में वापस लाने पर विचार नहीं किया गया हालांकि सभी से यह निवेदन किया जाता है कि अपने पूरे विवरण और सहमति के साथ दूतावास की ई-मेल आईडी पर संपर्क करें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं