भारतीय मूल के एक कैदी को मृत्युदंड दिए जाने के कुछ ही घंटे पहले उस समय राहत मिल गई, जब जोहोर के सुल्तान के हस्तक्षेप के बाद उसकी इस सजा को स्थगित कर दिया गया।
पी चंद्रन को वर्ष 2008 में जोहोर बाहरू हाईकोर्ट ने वर्ष 2003 में हुई के. मुत्थूरमण की हत्या के मामले में दोषी करार दिया था।
चंद्रन को 2003 में जिस समय दोषी ठहराया गया, उस समय वह 25 साल का था। वह पिछले 11 साल से जेल में है।
ऑनलाइन फ्री मलेशिया की खबर के अनुसार, जोहोर सुल्तान के हस्तक्षेप के बाद जेल विभाग ने सजा को अंतिम समय में स्थगित कर दिया।
चंद्रन के भाई तमोतारन ने कहा कि उसे लगता है कि चंद्रन की माफी के लिए जोहोर सुल्तान को उसके परिवार द्वारा भेजी गई दया याचिका के बाद यह सजा स्थगित की गई है।
उन्होंने भारतीयों की बहुलता वाले गैर-सरकारी संगठन हिन्दू राइट्स एक्शन फोर्स (हिंद्राफ) और उसके अध्यक्ष पी वायतामूर्ति का भी आभार जताया कि उन्होंने यह मुद्दा सरकार के समक्ष उठाया। वायतामूर्ति प्रधानमंत्री के विभाग में उपमंत्री भी हैं। कल इस संगठन ने अटॉर्नी जनरल के चैंबर से अपील कर सजा में देरी की अपील की थी। बार काउंसिल ने भी सरकार से इस सजा को स्थगित रखने की अपील की थी।
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