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आंध्र प्रदेश के सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ चंद्रशेखर वल्लभनेई और उनकी पत्नी अनुपमा को अपने बेटे के साथ बुरा सलूक करने के आपराधिक आरोप में 28 नवंबर को हिरासत में भेजा गया था।
इससे पूर्व भारत ने नॉर्वे मामले में इंतजार करने का रुख अख्तियार करते हुए कहा कि कथित बाल प्रताड़ना के मामले में नॉर्वे दूतावास को जो कुछ उचित लगेगा, वह करेगा। हालांकि, यह स्पष्ट कर दिया कि घटना एक प्राइवेट नागरिक और स्थानीय कानून से जुड़ी हुई है।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘यह एक ऐसा मुद्दा है जो सरकार से जुड़ा हुआ नहीं है। यह एक प्राइवेट नागरिक और उस देश के कानून से जुड़ा मामला है।
वहीं हैदराबाद से मिली खबर के मुताबिक, इस दंपती के परिवार ने कहा कि नॉर्वे में वल्लभनेई और अनुपमा पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
गौरतलब है कि दंपती पर आरोप लगाया गया है कि सात वर्षीय उनके बेटे ने जब स्कूल बस में अपनी पैंट गीली कर ली और अपने पिता को इस बारे में बताया, तब उसके पिता ने धमकी दी कि यदि उसने दोबारा ऐसा किया तो उसे भारत भेज दिया जाएगा।
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