नई दिल्ली:
भारत ने ईरान के राजदूत को तलब करके गत 16 दिन से रोककर रखे गए अपने टैंकर पोत को लेकर कड़ा विरोध जताया और पोत को ‘बिना शर्त’ छोड़े जाने की मांग की।
विदेश सचिव सुजाता सिंह ने विरोध दर्ज कराने के लिए ईरानी राजदूत गोलमरजा अंसारी को तलब किया और मांग की कि टैंकर को जल्द छोड़ा जाए जिसे ईरानी रिवाल्यूशनरी गार्डस ने गत 12 अगस्त से रोककर रखा है।
टैंकर को फारस की खाड़ी में उस समय जब्त कर लिया गया जब वह इराक के बसरा से कच्चा तेल लेकर आ रहा था। टैंकर को बाद में बंदर अब्बास बंदरगाह ले जाया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘विदेश सचिव ने हमारे पोत को बंदर अब्बास बंदरगाह पर रोककर रखने को लेकर सरकार की गंभीर चिंता से अवगत करा दिया है। उन्होंने इसके साथ ही सरकार की इस उम्मीद से भी अवगत करा दिया है कि पोत को जल्द ही छोड़ जाएगा और उसके चालक दल के सदस्यों के साथ अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत शिष्टाचार के साथ व्यवहार किया जाएगा।’
विदेश सचिव सुजाता सिंह ने विरोध दर्ज कराने के लिए ईरानी राजदूत गोलमरजा अंसारी को तलब किया और मांग की कि टैंकर को जल्द छोड़ा जाए जिसे ईरानी रिवाल्यूशनरी गार्डस ने गत 12 अगस्त से रोककर रखा है।
टैंकर को फारस की खाड़ी में उस समय जब्त कर लिया गया जब वह इराक के बसरा से कच्चा तेल लेकर आ रहा था। टैंकर को बाद में बंदर अब्बास बंदरगाह ले जाया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘विदेश सचिव ने हमारे पोत को बंदर अब्बास बंदरगाह पर रोककर रखने को लेकर सरकार की गंभीर चिंता से अवगत करा दिया है। उन्होंने इसके साथ ही सरकार की इस उम्मीद से भी अवगत करा दिया है कि पोत को जल्द ही छोड़ जाएगा और उसके चालक दल के सदस्यों के साथ अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत शिष्टाचार के साथ व्यवहार किया जाएगा।’
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