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This Article is From Jun 29, 2011

आर्थिक संबंध मजबूत करने पर भारत-अमेरिका में सहमति

वाशिंगटन: भारत और अमेरिका ने दोनों देशों के बीच आर्थिक सम्बंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताई है। खासतौर पर तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों- बड़ी आर्थिक चुनौतियों, वित्तीय सुधार और आरधारभूत वित्तीय संरचना के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर दोनों पक्षों में सहमति हुई है। वाशिंगटन में द्वितीय भारत-अमेरिका आर्थिक एवं वित्तीय साझेदारी बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, "भारत तथा अमेरिका दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से हैं। दोनों देशों की अर्थव्यवस्था एक-दूसरे के नागरिकों को व्यापक आर्थिक अवसर मुहैया कराती है।" "भारत-अमेरिका के आर्थिक सम्बंधों में पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। पिछले दशक में दोनों देशों के बीच विभिन्न उद्योगों एवं क्षेत्रों में व्यापार तथा निवेश बढ़ा है। वर्ष 2000 से 2010 के बीच भारत का अमेरिका में निर्यात 180 प्रतिशत बढ़ा, जबकि भारत में अमेरिका के निर्यात में चार गुनी वृद्धि हुई।" "इस बीच, 2005-2009 के बीच द्विपक्षीय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में करीब 165 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस प्रगति के बावजूद हम यकीन करते हैं कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार और निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं तथा इससे दोनों देश लाभान्वित हो सकते हैं।" "बैठक में हमने उन चुनौतियों पर चर्चा की, जिनका सामना दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को अल्प अवधि में वसूली और कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए करना पड़ रहा है।" बयान में कहा गया है, "अमेरिका तकनीक, कौशल और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में निवेश को लेकर प्रतिबद्ध है। अमेरिका और भारत व्यापार तथा निवेश बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाएंगे, जिससे हमारी वित्तीय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।" "भारत और अमेरिका के बीच बड़ी आर्थिक चुनौतियों पर सहयोग की जो सहमति बनी है, उसमें पूंजी बाजार को मजबूत करने के साथ-साथ वित्तीय व्यवस्था की स्थिरता, पारदर्शिता और एकीकरण भी शामिल है।"

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