भारत ने इस्राइल और फिलीस्तीन से शांति प्रक्रिया एक बार फिर शुरू करने का आह्वान किया है। इस दक्षिण एशियाई देश का कहना है कि क्षेत्र में संघर्ष पैदा कर रहे मसले के समाधन के लिए वार्ता एकमात्र व्यावहारिक विकल्प है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मंगलवार को जारी बयान में भारतीय राजदूत अशोक कुमार मुखर्जी ने कहा, हम इस बात की उम्मीद करते हैं कि मौजूदा संघर्ष विराम स्थायी रहेगा और फिलीस्तीनी मुद्दे के समग्र समाधान के लिए दोनों ही तरफ शांति की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी।
भारत के नपेतुले बयान में गाजा में हाल में हुए संघर्ष के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है, जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने एक बयान में कहा था कि उन्होंने गाजा में कई मील विनाश ही विनाश देखा है।
इस बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का पुराना रवैया बरकरार नजर आया, जब जुलाई महीने में इसने कांग्रेस और अन्य पार्टियों की मांग पर संसद में गाजा के खिलाफ कार्रवाई पर इजरायल की निंदा करने से इनकार कर दिया था।
मुखर्जी ने हालांकि, फिलीस्तीन को संप्रभु, स्वतंत्र, विकासक्षम और एकीकृत राष्ट्र और पूर्वी जेरूसलम को इसकी राजधानी बनाने के प्रति फिर से समर्थन जताया।
उन्होंने कहा, फिलीस्तीन के साथ हमारे मजबूत संबंध और हमारी प्रतिबद्धता की जड़ें हमारे आधुनिक इतिहास से जुड़ी हैं, जिसकी शुरुआत हमारे आजादी के संघर्ष से होती है।
मुखर्जी ने भारत की तरफ फिलीस्तीन के पुनर्निर्माण में 40 लाख डॉलर की मदद का वादा करते हुए कहा, फिलिस्तीन को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय और द्विपक्षीय स्तर पर राजनीतक समर्थन देने के अतिरिक्त भारत फिलीस्तीनी जनता को आर्थिक और विकासात्मक सहायता देता रहा है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं