कोलकाता:
प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वयलार रवि ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के प्रयास कर रही है कि नार्वे में अभिरक्षा गतिरोध में फंसे बच्चों को उनके चाचा को सौंप दिया जाए।
रवि ने कहा, ‘चीजें सुधर रही हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने के पूरे प्रयास कर रही है कि बच्चों को उनके चाचा को सौंप दिया जाए।’ उन्होंने हालांकि कहा कि उन्हें इस बारे में ताजा घटनाक्रम के बारे में जानकारी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि तीन वर्षीय अभिज्ञान और एक वर्ष की ऐश्वर्या उस समय अभिरक्षा गतिरोध में फंस गए जब नार्वे के बाल कल्याण विभाग ने यह दावा करते हुए उन्हें देखभाल केंद्र भेज दिया कि उनके जैविक माता पिता अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य देश के बाल अधिकार कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं।
हालांकि भारत की ओर से काफी राजनयिक प्रयासों के बाद नार्वे सरकार बच्चों को उनके चाचा को सौंपने पर तैयार हो गई थी लेकिन बच्चों के माता पिता के बीच वैवाहिक कलह के चलते सरकार ने इस मामले की सुनवायी स्थगित कर दी है।
रवि ने कहा, ‘चीजें सुधर रही हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने के पूरे प्रयास कर रही है कि बच्चों को उनके चाचा को सौंप दिया जाए।’ उन्होंने हालांकि कहा कि उन्हें इस बारे में ताजा घटनाक्रम के बारे में जानकारी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि तीन वर्षीय अभिज्ञान और एक वर्ष की ऐश्वर्या उस समय अभिरक्षा गतिरोध में फंस गए जब नार्वे के बाल कल्याण विभाग ने यह दावा करते हुए उन्हें देखभाल केंद्र भेज दिया कि उनके जैविक माता पिता अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य देश के बाल अधिकार कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं।
हालांकि भारत की ओर से काफी राजनयिक प्रयासों के बाद नार्वे सरकार बच्चों को उनके चाचा को सौंपने पर तैयार हो गई थी लेकिन बच्चों के माता पिता के बीच वैवाहिक कलह के चलते सरकार ने इस मामले की सुनवायी स्थगित कर दी है।