नेपाल में भारत के राजदूत ने बेगम हजरत महल की कब्र पर एक पुष्पचक्र अर्पित किया
काठमांडू:
भारत ने कहा कि ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ देश में 1857-58 में विद्रोह करने वाली बेगम हजरत महल को भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान देने को लेकर हमेशा याद रखा जाएगा। साथ ही उन्हें प्रेरणा का स्रोत भी बताया।
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बेगम के योगदान को याद करते हुए नेपाल में नियुक्त भारत के राजदूत रंजीत राय ने उनकी 137वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद करने के लिए यहां उनकी कब्र पर एक पुष्पचक्र अर्पित किया। राय ने कहा, 'हमें अवश्य ही अत्यधिक सम्मान के साथ उन्हें याद करना चाहिए, क्योंकि वह हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।'
अवध की बेगम और नवाज वाजिद अली शाह की पत्नी हजरत महल का निधन सात अप्रैल 1879 को हुआ था। उस दौरान वह नेपाल में शरणार्थी थी। वह 1857 के विद्रोह के स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल थी।
राय ने काठमांडू के बीचों बीच स्थित हजरत महल के डेढ़ सदी पुराने कब्र को संरक्षित रखने के लिए आवश्यक सहायता मुहैया करने की भी पेशकश की। उन्होंने कहा, 'हजरत महल नेपाल और भारत के बीच सदियों पुराने संबंध की प्रतीक हैं।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बेगम के योगदान को याद करते हुए नेपाल में नियुक्त भारत के राजदूत रंजीत राय ने उनकी 137वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद करने के लिए यहां उनकी कब्र पर एक पुष्पचक्र अर्पित किया। राय ने कहा, 'हमें अवश्य ही अत्यधिक सम्मान के साथ उन्हें याद करना चाहिए, क्योंकि वह हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।'
अवध की बेगम और नवाज वाजिद अली शाह की पत्नी हजरत महल का निधन सात अप्रैल 1879 को हुआ था। उस दौरान वह नेपाल में शरणार्थी थी। वह 1857 के विद्रोह के स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल थी।
राय ने काठमांडू के बीचों बीच स्थित हजरत महल के डेढ़ सदी पुराने कब्र को संरक्षित रखने के लिए आवश्यक सहायता मुहैया करने की भी पेशकश की। उन्होंने कहा, 'हजरत महल नेपाल और भारत के बीच सदियों पुराने संबंध की प्रतीक हैं।'
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