इस्लामाबाद:
भारत और पाकिस्तान अपनी-अपनी जेलों में बंद कैदियों की अदला-बदली करेंगे और यह अब तक की सबसे ज्यादा संख्या में कैदियों की अदला-बदली होगी। दोनों देश संबंधों के सामान्य करने की प्रक्रिया के तहत ऐसा कर रहे हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस वर्ष अप्रैल में भारत की निजी यात्रा पर जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी तभी दोनों देश इस प्रक्रिया के लिए राजी हुए थे।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अदला-बदली उन कैदियों पर लागू नहीं होगी, जो आतंकवाद या जासूसी के आरोपों में बंद हैं। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय कैदियों के आंकड़े एकत्रित कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि कैदियों की सही संख्या उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय जेलों में बंद पाकिस्तानियों की संख्या सैकड़ों में है और उनमें से अधिकतर या तो मछुआरे हैं या वैसे कैदी हैं, जो अनजाने में सीमा पार कर गए।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस वर्ष अप्रैल में भारत की निजी यात्रा पर जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी तभी दोनों देश इस प्रक्रिया के लिए राजी हुए थे।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अदला-बदली उन कैदियों पर लागू नहीं होगी, जो आतंकवाद या जासूसी के आरोपों में बंद हैं। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय कैदियों के आंकड़े एकत्रित कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि कैदियों की सही संख्या उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय जेलों में बंद पाकिस्तानियों की संख्या सैकड़ों में है और उनमें से अधिकतर या तो मछुआरे हैं या वैसे कैदी हैं, जो अनजाने में सीमा पार कर गए।
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India, Pakistan Prisoners Swap, India-Pakistan Relationship, भारत-पाकिस्तान के कैदियों की अदला-बदली, भारत-पाकिस्तान संबंध