ममनून हुसैन का फाइल फोटो।
इस्लामाबाद:
भारत में जन्मे और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी माने जाने वाले ममनून हुसैन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस प्रकार देश का पहला लोकतांत्रिक सत्ता हस्तांतरण पूरा हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इफ्तिखार चौधरी ने प्रेसीडेंसी में हुसैन को शपथ दिलाई। इस समारोह में शरीफ, तीनों सेनाओं के प्रमुख और सभी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए।
यह अपनी तरह का अनोखा समारोह था क्योंकि राष्ट्रपति के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले और रविवार को पद छोड़ने वाले पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी इस समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम का टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया।
जरदारी संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने वाले पहले निर्वाचित राष्ट्रपति हैं और उनकी जगह निर्वाचित सदस्य ही यह पद संभालेंगे। हुसैन देश के 12वें राष्ट्रपति होंगे।
जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने राष्ट्रपति चुनावों का बहिष्कार किया था। जरदारी ने हुसैन को जिम्मेदारियां संभालने के लिए शुभकामनाएं दीं।
30 जुलाई को हुए एकतरफा चुनाव में 73 वर्षीय हुसैन ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश वजीहुददीन अहमद को हराया था।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इफ्तिखार चौधरी ने प्रेसीडेंसी में हुसैन को शपथ दिलाई। इस समारोह में शरीफ, तीनों सेनाओं के प्रमुख और सभी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए।
यह अपनी तरह का अनोखा समारोह था क्योंकि राष्ट्रपति के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले और रविवार को पद छोड़ने वाले पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी इस समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम का टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया।
जरदारी संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने वाले पहले निर्वाचित राष्ट्रपति हैं और उनकी जगह निर्वाचित सदस्य ही यह पद संभालेंगे। हुसैन देश के 12वें राष्ट्रपति होंगे।
जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने राष्ट्रपति चुनावों का बहिष्कार किया था। जरदारी ने हुसैन को जिम्मेदारियां संभालने के लिए शुभकामनाएं दीं।
30 जुलाई को हुए एकतरफा चुनाव में 73 वर्षीय हुसैन ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश वजीहुददीन अहमद को हराया था।
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