नरेन्द्र मोदी और शी जिंपिंग की फाइल फोटो
न्यूयॉर्क:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दुनिया के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली नेताओं में शुमार करने के एक दिन बाद टाइम पत्रिका ने कहा है कि भारत और चीन दोनों देशों की कमान आज ‘ताकतवर नेताओं’ के हाथों में है, जो इतिहास पर अपनी छाप छोड़ने के लिए बेताब हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के पूरे एक दशक के ‘उदासीन शासन’ के बाद आगे बढ़कर देश का नेतृत्व कर रहे हैं।
टाइम पत्रिका ने अपनी वार्षिक सूची में गुरुवार को मोदी को दुनिया के 100 सबसे अधिक प्रभावशाली लोगों में शामिल किया था, तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय प्रधानमंत्री की सराहना में एक लेख लिखा।
पत्रिका में कहा गया कि ‘2015 टाईम 100 सूची’ से जो सबक सीखे जा सकते हैं, उनमें से एक सबक यह है कि एशिया में कई वर्षों तक कम गतिशील नेताओं के शासन के बाद अब मजबूत नेताओं की एक पूरी पीढ़ी है।
टाइम ने कहा, "चीन और भारत दुनिया के दो सबसे गतिशील देश हो सकते हैं, लेकिन कई वर्षों तक इन दोनों देशों के नेताओं में इस गतिशीलता का अभाव रहा है।" इसके अलावा पत्रिका ने कहा कि वर्ष 2002 से 2012 तक चीन को राष्ट्रपति 'हू जिंताओ' चला रहे थे जो ‘‘बेरंग और सतर्क’’ रहकर काम करने वाले व्यक्ति थे। हालांकि, अधिकतर फैसले उनके द्वारा अकेले नहीं लिए जाते थे। ये फैसले कम्यूनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच आम सहमति के बाद लिए जाते थे।
वहीं भारत में, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक दशक तक ‘‘उदासीन शासन’’ किया, जो कि साल 2014 में समाप्त हुआ। उन्होंने 81 वर्ष की उम्र में अपना पद छोड़ा।
टाइम ने कहा, ‘‘लेकिन आज चीन और भारत दोनों को ही ताकतवर नेता चला रहे हैं, जो कि इतिहास पर अपनी छाप छोड़ने के लिए बेताब हैं।’’ टाइम ने प्रधानमंत्री मोदी की पिछले साल हुई अमेरिका यात्रा के दौरान मेडिसन स्कवायर गार्डन पर उनके एक रॉक स्टार सरीखे भव्य स्वागत का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया के ज्यादातर नेताओं को ऐसे महत्वपूर्ण शहर में इस तरह के श्रोता नहीं मिल सकते।
अपने कई पूर्ववर्तियों से अलग, मोदी ने ‘‘अग्रिम मोर्चे से नेतृत्व किया है और उन्होंनें पहले ही एक प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय कद बना लिया है। ऐसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय नेताओं की संख्या नहीं हैं, जिनके एक भाषण के लिए मेडिसन स्कवायर गार्डन खचाखच भर जाता हो, जैसा कि पिछले साल सितंबर में मोदी के लिए हुआ।’’
ओबामा ने कहा कि मोदी ने ‘‘अत्याधिक गरीबी को कम करने, शिक्षा में सुधार, महिलाओं के सशक्तिकरण और भारत की वास्तविक आर्थिक संभावनाओं के दोहन के लिए महत्वाकांक्षी विजन तैयार किया है।’’ टाइम ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपने देश का सीधा नियंत्रण हासिल करने के लिए और भी अधिक ताकतवर और दृढनिश्चयी हैं।
‘टाइम 100’ में, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रड ने लिखा है कि शी अब ‘‘माओ के बाद से चीन के अब तक के सबसे ताकतवर नेता हो सकते हैं।’’ पत्रिका ने कहा, ‘‘यह हमेशा अच्छी चीज नहीं हैं। शी चीनी अर्थव्यवस्था को ज्यादा टिकाऊ बनाने के लिए जरूरी सुधार तो कर रहे हैं लेकिन वह नागरिक समाज पर कड़ी कार्रवाई भी कर रहे हैं और उन्होंनें वैश्विक नेतृत्व के लिए अमेरिका को चुनौती भी पेश की है।’’
टाइम पत्रिका ने अपनी वार्षिक सूची में गुरुवार को मोदी को दुनिया के 100 सबसे अधिक प्रभावशाली लोगों में शामिल किया था, तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय प्रधानमंत्री की सराहना में एक लेख लिखा।
पत्रिका में कहा गया कि ‘2015 टाईम 100 सूची’ से जो सबक सीखे जा सकते हैं, उनमें से एक सबक यह है कि एशिया में कई वर्षों तक कम गतिशील नेताओं के शासन के बाद अब मजबूत नेताओं की एक पूरी पीढ़ी है।
टाइम ने कहा, "चीन और भारत दुनिया के दो सबसे गतिशील देश हो सकते हैं, लेकिन कई वर्षों तक इन दोनों देशों के नेताओं में इस गतिशीलता का अभाव रहा है।" इसके अलावा पत्रिका ने कहा कि वर्ष 2002 से 2012 तक चीन को राष्ट्रपति 'हू जिंताओ' चला रहे थे जो ‘‘बेरंग और सतर्क’’ रहकर काम करने वाले व्यक्ति थे। हालांकि, अधिकतर फैसले उनके द्वारा अकेले नहीं लिए जाते थे। ये फैसले कम्यूनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच आम सहमति के बाद लिए जाते थे।
वहीं भारत में, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक दशक तक ‘‘उदासीन शासन’’ किया, जो कि साल 2014 में समाप्त हुआ। उन्होंने 81 वर्ष की उम्र में अपना पद छोड़ा।
टाइम ने कहा, ‘‘लेकिन आज चीन और भारत दोनों को ही ताकतवर नेता चला रहे हैं, जो कि इतिहास पर अपनी छाप छोड़ने के लिए बेताब हैं।’’ टाइम ने प्रधानमंत्री मोदी की पिछले साल हुई अमेरिका यात्रा के दौरान मेडिसन स्कवायर गार्डन पर उनके एक रॉक स्टार सरीखे भव्य स्वागत का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया के ज्यादातर नेताओं को ऐसे महत्वपूर्ण शहर में इस तरह के श्रोता नहीं मिल सकते।
अपने कई पूर्ववर्तियों से अलग, मोदी ने ‘‘अग्रिम मोर्चे से नेतृत्व किया है और उन्होंनें पहले ही एक प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय कद बना लिया है। ऐसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय नेताओं की संख्या नहीं हैं, जिनके एक भाषण के लिए मेडिसन स्कवायर गार्डन खचाखच भर जाता हो, जैसा कि पिछले साल सितंबर में मोदी के लिए हुआ।’’
ओबामा ने कहा कि मोदी ने ‘‘अत्याधिक गरीबी को कम करने, शिक्षा में सुधार, महिलाओं के सशक्तिकरण और भारत की वास्तविक आर्थिक संभावनाओं के दोहन के लिए महत्वाकांक्षी विजन तैयार किया है।’’ टाइम ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपने देश का सीधा नियंत्रण हासिल करने के लिए और भी अधिक ताकतवर और दृढनिश्चयी हैं।
‘टाइम 100’ में, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रड ने लिखा है कि शी अब ‘‘माओ के बाद से चीन के अब तक के सबसे ताकतवर नेता हो सकते हैं।’’ पत्रिका ने कहा, ‘‘यह हमेशा अच्छी चीज नहीं हैं। शी चीनी अर्थव्यवस्था को ज्यादा टिकाऊ बनाने के लिए जरूरी सुधार तो कर रहे हैं लेकिन वह नागरिक समाज पर कड़ी कार्रवाई भी कर रहे हैं और उन्होंनें वैश्विक नेतृत्व के लिए अमेरिका को चुनौती भी पेश की है।’’
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