पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने माना है कि पाकिस्तान सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है. इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान में टैक्स कल्चर की कमी को दोषी ठहराया है. पाकिस्तान के ऊपर क़रीब 30 हज़ार खरब का कर्ज है और लोग टैक्स भर नहीं रहे. इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी दिक्कत है कि मुल्क़ चलाने को पैसा नहीं है. ये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का क़बूलनामा है. इमरान सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसे नहीं हैं. और इसके लिए इमरान खान ने टैक्स नहीं देने वालों को दोषी ठहराया है. इमरान खान से पहले पाकिस्तान में नवाज़ शरीफ़ की सरकार थी.
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इमरान ने पिछली सरकारों पर टैक्स के पैसे को बर्बाद करने का भी आरोप लगाया. इमरान के मुताबिक़ पाकिस्तान का कर्ज़ 10 साल में छ हज़ार खरब से बढ़ कर 30 हज़ार खरब हो गया और टैक्स सिर्फ़ 20 लाख लोग दे रहे हैं.
टैक्स न चुकाना पाकिस्तान की एक समस्या है लेकिन पाकिस्तान को आतंकवाद की वजह से भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वह 2018 से लगातार फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में है. इस वजह से उसे विदेश से आने वाली वित्तीय निवेश और मदद को कड़ी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है. ब्लैक लिस्ट होने के ख़तरों के बीच विदेशी वित्तीय संस्थानों और निवेशकों के लिए पाकिस्तान पसंदीदा जगह नहीं है. ज़ाहिर है कि पाकिस्तान को अगर अपने आर्थिक कंगाली से बाहर आना है तो टैक्स वसूली बढ़ाने के साथ-साथ आतंकी फंडिग आदि पर भी काबू पाना होगा.
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पाकिस्तान सरकार ने ट्रैक एंड ट्रेस स्कीम के तहत क़रीब डेढ़ करोड़ संभावित टैक्स पेयर्स की पहचान की है. इनकी स्क्रूटनी का काम चल रहा है कि इनमें से कौन टैक्स देने की पात्रता रखता है लेकिन दे नहीं रहा है. अभी पाकिस्तान में 30 लाख लोग टैक्स रिटर्न भरते हैं, जिनमें से 10 लाख सिर्फ़ काग़ज़ पर रिटर्न भरते हैं, कोई टैक्स नहीं देते.
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