
बेरूत:
सीरिया के ओला में हुए नरसंहार में 92 लोगों की मौत हो गई है। सरकारी सेना की ओर से की गई इस गोलाबारी में 32 बच्चे भी शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से गए पर्यवेक्षकों ने ओला का दौरा किया और इस नरसंहार की पुष्टि की।
पर्यवेक्षकों ने बताया कि मारे गए सभी बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं। वहीं सीरियाई सरकार ने कहा है कि इस हमले के पीछे आतंकी ताकतें शामिल हैं और उन्होंने ही इस नरसंहार को अंजाम दिया है। सीरिया में पिछले करीब एक साल से राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, जो अब कई शहरों में हिंसक रूप ले चुका है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया में 92 लोगों का नरसंहार किए जाने से जुड़ी खबरों पर चिंता जाहिर करते हुए दमिश्क के खिलाफ तत्काल अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और संराष्ट्र-अरब लीग के दूत कोफी अन्नान ने एक संयुक्त बयान में इस जघन्य अपराध की भर्त्सना करते हुए कहा, यह अंतरराष्ट्रीय कानून और उस प्रतिबद्धता का उल्लंघन है कि सीरियाई सरकार बड़े हथियारों अथवा हिंसा का इस्तेमाल नहीं करेगी। मून और अन्नान ने कहा, इस अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के जद में लाना चाहिए।
पर्यवेक्षकों ने बताया कि मारे गए सभी बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं। वहीं सीरियाई सरकार ने कहा है कि इस हमले के पीछे आतंकी ताकतें शामिल हैं और उन्होंने ही इस नरसंहार को अंजाम दिया है। सीरिया में पिछले करीब एक साल से राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, जो अब कई शहरों में हिंसक रूप ले चुका है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया में 92 लोगों का नरसंहार किए जाने से जुड़ी खबरों पर चिंता जाहिर करते हुए दमिश्क के खिलाफ तत्काल अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और संराष्ट्र-अरब लीग के दूत कोफी अन्नान ने एक संयुक्त बयान में इस जघन्य अपराध की भर्त्सना करते हुए कहा, यह अंतरराष्ट्रीय कानून और उस प्रतिबद्धता का उल्लंघन है कि सीरियाई सरकार बड़े हथियारों अथवा हिंसा का इस्तेमाल नहीं करेगी। मून और अन्नान ने कहा, इस अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के जद में लाना चाहिए।
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