नगर पालिका परिषद् की 2,100 सीटों पर लड़ रहे करीब 7,000 उम्मीदवारों में 979 महिलाएं हैं (AP)
रियाद:
अत्यंत रूढ़िवादी माने जाने वाले सउदी अरब के निकाय चुनाव में प्रारंभिक परिणामों में कम से कम 19 महिलाओं ने जीत दर्ज की है। देश के इतिहास में पहली बार है कि महिलाओं ने मतदान किया और चुनाव भी लड़ा। देश के अलग अलग हिस्सों में 19 महिलाओं ने जीत दर्ज की है।
जेद्दाह शहर में महिला अधिकार कार्यकर्ता सहर हसन नासीफ ने कहा, 'यदि एक भी महिला जीतती तो तब भी हमें गर्व होता। ईमानदारी से कहूं, हम एक भी महिला की जीत की उम्मीद नहीं कर रहे थे।' मक्का के मेयर ओसामा अल-बार ने कहा कि उम्मीदवार सलमा अल ओतेबी ने मदराख में जीत दर्ज की है।
सरकारी समाचार एजेंसी 'एसपीए' ने ओसामा अल-बार के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि सलमा ने इस सीट पर दो महिला और सात पुरुष प्रतिद्वंद्वियों को परास्त किया। सउदी अरब में पहली बार महिलाओं को मताधिकार इस्तेमाल करने और जनप्रतिनिधि बनने का अधिकार मिला है।
नगर पालिका परिषद् की 2,100 सीटों पर लड़ रहे करीब 7,000 उम्मीदवारों में से 979 महिलाएं हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए महिलाओं को कई अड़चनें पार करनी पड़ी हैं। सउदी अरब में राजशाही है और यहां महिलाओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध है। महिलाओं को सार्वजनिक स्थलों पर खुद को सिर से पैर तक ढक कर रखना होता है।
सार्वजनिक सुविधाओं में लैंगिक विलगाव लागू है, जिसका मतलब यह हुआ कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान महिला उम्मीदवार पुरुष मतदाताओं से संपर्क नहीं कर सकती। लैंगिक विलगाव के इस कानून के तहत सउदी अरब में पुरुष और महिला मतदाताओं ने अलग-अलग मतदान केन्द्रों पर मतदान किया।
जेद्दाह शहर में महिला अधिकार कार्यकर्ता सहर हसन नासीफ ने कहा, 'यदि एक भी महिला जीतती तो तब भी हमें गर्व होता। ईमानदारी से कहूं, हम एक भी महिला की जीत की उम्मीद नहीं कर रहे थे।' मक्का के मेयर ओसामा अल-बार ने कहा कि उम्मीदवार सलमा अल ओतेबी ने मदराख में जीत दर्ज की है।
सरकारी समाचार एजेंसी 'एसपीए' ने ओसामा अल-बार के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि सलमा ने इस सीट पर दो महिला और सात पुरुष प्रतिद्वंद्वियों को परास्त किया। सउदी अरब में पहली बार महिलाओं को मताधिकार इस्तेमाल करने और जनप्रतिनिधि बनने का अधिकार मिला है।
नगर पालिका परिषद् की 2,100 सीटों पर लड़ रहे करीब 7,000 उम्मीदवारों में से 979 महिलाएं हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए महिलाओं को कई अड़चनें पार करनी पड़ी हैं। सउदी अरब में राजशाही है और यहां महिलाओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध है। महिलाओं को सार्वजनिक स्थलों पर खुद को सिर से पैर तक ढक कर रखना होता है।
सार्वजनिक सुविधाओं में लैंगिक विलगाव लागू है, जिसका मतलब यह हुआ कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान महिला उम्मीदवार पुरुष मतदाताओं से संपर्क नहीं कर सकती। लैंगिक विलगाव के इस कानून के तहत सउदी अरब में पुरुष और महिला मतदाताओं ने अलग-अलग मतदान केन्द्रों पर मतदान किया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं