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                                        चीन ने अपनी धरती पर विमान निर्माताओं और खरीदारों के अब तक के सबसे बड़े जमावड़े 'एयरशो चाइना' की शुरुआत अपनी सैन्य ताकत दिखाते हुए की, और मंगलवार को अपने चेंगदू जे-20 स्टेल्थ लड़ाकू विमान का पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया.
दक्षिणी शहर शुहाई में आयोजित 'एयरशो चाइना' के ज़रिये चीन नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में भी अपनी महत्वाकांक्षाओं को दुनिया के सामने रखने जा रहा है, और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी महत्वाकांक्षाओं को भी. माना जा रहा है कि अगले एक दशक में चीन ही उड्डयन के क्षेत्र में अमेरिका को पछाड़कर दुनिया का सबसे बड़ा बाज़ार बन जाएगा.
शुहाई में आयोजित शो की शुरुआत में ही दो जे-20 जेट विमान मौजूद मेहमानों के ऊपर से कानों के पर्दे फाड़ देने वाली आवाज़ करते हुए गुज़रे, और सिर्फ 60 सेकंड की उड़ान में ही उन्होंने न सिर्फ मेहमानों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया, बल्कि वहां मौजूद पार्किंग लॉट में खड़ी गाड़ियों के अलार्म भी ज़ोर-ज़ोर से बजने लगे.
चीन से जुड़े मामलों का अध्ययन करने वाले और एविएशन वीक से जुड़े ब्रैडली पेरेट ने कहा, "चीन की लड़ाकू क्षमता के लिहाज़ से यह साफ तौर पर एक बहुत बड़ा कदम है..."
विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि चीन के ये लड़ाकू विमान रडार को चकमा देने वाली खासियतों के मामले में अमेरिकी वायुसेना के लिए लॉकहीड मार्टिन द्वारा तैयार किए गए और जे-20 से बेहद मिलते-जुलते एफ-22 रैप्टर लड़ाकू विमानों, या लॉकहीड के ही एफ-35 से मुकाबला कर पाएंगे.
वर्ष 2010 में विमानों पर नज़र रखने वालों द्वारा पहली बार देखे जाने के बाद सामने आईं जे-20 की अनाधिकारिक तस्वीरों से क्षेत्र में शक्ति संतुलन को लेकर गर्मागर्म बहस छिड़ गई थी, और विशेषज्ञों का कहना है कि चीन लगातार अपने विमान के डिज़ाइन को बेहतर कर रहा है, ताकि अमेरिका से सैन्य लिहाज़ से बहुत ज़्यादा अंतर न रह पाए.
© Thomson Reuters 2016
                                                                        
                                    
                                दक्षिणी शहर शुहाई में आयोजित 'एयरशो चाइना' के ज़रिये चीन नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में भी अपनी महत्वाकांक्षाओं को दुनिया के सामने रखने जा रहा है, और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी महत्वाकांक्षाओं को भी. माना जा रहा है कि अगले एक दशक में चीन ही उड्डयन के क्षेत्र में अमेरिका को पछाड़कर दुनिया का सबसे बड़ा बाज़ार बन जाएगा.
शुहाई में आयोजित शो की शुरुआत में ही दो जे-20 जेट विमान मौजूद मेहमानों के ऊपर से कानों के पर्दे फाड़ देने वाली आवाज़ करते हुए गुज़रे, और सिर्फ 60 सेकंड की उड़ान में ही उन्होंने न सिर्फ मेहमानों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया, बल्कि वहां मौजूद पार्किंग लॉट में खड़ी गाड़ियों के अलार्म भी ज़ोर-ज़ोर से बजने लगे.
चीन से जुड़े मामलों का अध्ययन करने वाले और एविएशन वीक से जुड़े ब्रैडली पेरेट ने कहा, "चीन की लड़ाकू क्षमता के लिहाज़ से यह साफ तौर पर एक बहुत बड़ा कदम है..."
विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि चीन के ये लड़ाकू विमान रडार को चकमा देने वाली खासियतों के मामले में अमेरिकी वायुसेना के लिए लॉकहीड मार्टिन द्वारा तैयार किए गए और जे-20 से बेहद मिलते-जुलते एफ-22 रैप्टर लड़ाकू विमानों, या लॉकहीड के ही एफ-35 से मुकाबला कर पाएंगे.
वर्ष 2010 में विमानों पर नज़र रखने वालों द्वारा पहली बार देखे जाने के बाद सामने आईं जे-20 की अनाधिकारिक तस्वीरों से क्षेत्र में शक्ति संतुलन को लेकर गर्मागर्म बहस छिड़ गई थी, और विशेषज्ञों का कहना है कि चीन लगातार अपने विमान के डिज़ाइन को बेहतर कर रहा है, ताकि अमेरिका से सैन्य लिहाज़ से बहुत ज़्यादा अंतर न रह पाए.
© Thomson Reuters 2016
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