अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के साथ बैठक में अमेरिकी मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि पत्रकारों ने उनके साथ इमरान खान (Imran Khan) से भी बदतर व्यवहार किया.बता दें कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने इमरान खान (Imran Khan) के साथ व्हाइट हाउस में पहली बार मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया और कश्मीर सहित कई मुद्दों पर बातचीत की. ओवल ऑफिस में ट्रम्प के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि पाकिस्तान की मीडिया दुनिया के सबसे स्वतंत्र प्रेस में से एक है. उन्होंने इस आरोप को खारिज किया कि उनके कार्यकाल में देश में मीडिया की आजादी पर हमले हो रहे हैं. पाकिस्तानी पत्रकारों के सवाल के जवाब में इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान की मीडिया दुनिया की सबसे आजाद मीडिया में से एक है.अपनी खुद की मीडिया द्वारा जो मेरी आलोचना की जाती है वह अभूतपूर्व है. पाकिस्तानी मीडिया पर प्रतिबंध की बात कहना मजाक करने जैसा होगा. इमरान खान के इस जवाब पर तुरन्त हस्तक्षेप करते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि एक मिनट रुकिए. ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपके साथ मुझसे बदतर व्यवहार किया गया हो. गौरतलब है कि ‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज' (पीएमएल-एन) पार्टी ने सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार पर विपक्षी नेताओं की कवरेज पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया था.
इससे पहले कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की मध्यस्थता की पेशकश से खुश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने मंगलवार को कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच के इस विवादित मुद्दे को द्विपक्षीय तरीके से नहीं सुलझाया जा सकता. भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप (Donald Trump) द्वारा मध्यस्थ बनने की पेशकश किए जाने के कुछ ही घंटे बाद खान का यह बयान सामने आया है. गौरतलब है कि दोनों नेताओं ने व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. वहीं, भारत सरकार ने ट्रंप (Donald Trump) के इस दावे को सिरे से खारिज किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने का अनुरोध किया है. अमेरिका की तीन दिन की यात्रा पर गए इमरान खान ने ट्रंप के इस कदम का स्वागत किया है. अमेरिका के फॉक्स न्यूज से इमरान खान ने कहा, ‘‘द्विपक्षीय तरीके से हम कभी (कश्मीर विवाद) नहीं सुलझा सकेंगे."
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ओवल ऑफिस में ट्रंप के साथ पहली मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वक्त था जब जनरल (परवेज) मुशर्रफ और भारत के प्रधानमंत्री (अटल बिहारी) वाजपेयी थे, उस वक्त हम कश्मीर मुद्दा सुलझाने के बहुत करीब आ गए थे. लेकिन उसके बाद से हम दो अलग-अलग ध्रुवों पर हैं और मुझे वाकई लगता है कि भारत को बातचीत करनी चाहिए. अमेरिका इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है. राष्ट्रपति ट्रंप वाकई महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. इसके बाद जब फॉक्स न्यूज के एंकर ने भारत का बयान पढ़ा कि भारत का हमेशा से यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ लंबित सभी मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाएगा, खान ने कहा कि हम इस धरती के 1.30 अरब लोगों की बात कर रहे हैं. सोचिए अगर यह मुद्दा सुलझ जाता है तो अमन का आलम क्या होगा.
इस बात से सिरे से इनकार करते हुए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी भी कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता की बात कही है, भारत ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार के संबंध के लिए सीमा पार से आतंकवाद का बंद होना अनिवार्य है। शिमला समझौता और लाहौर उद्घोषणा भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने का आधार प्रदान करता है. इमरान खान ने ट्रंप की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति, मैं आपको बता सकता हूं कि अभी अगर आप मध्यस्थता करके इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं तो आपको अरबों लोगों की दुआएं मिलेंगी. एक अन्य सवाल के जवाब में खान ने कहा कि अगर भारत अपने परमाणु हथियार नष्ट कर दे तो पाकिस्तान भी उन्हें खत्म कर देगा. उन्होंने कहा कि हां, क्योंकि परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं है.
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पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु युद्ध का विचार भी खुद को बर्बाद करने वाला है क्योंकि हमारी सीमाएं ढ़ाई हजार मील तक आपस में जुड़ी हुई हैं. इमरान खान ने कहा कि मुझे लगता है कि उपमहाद्वीप में लोगों में ऐसी भावना है कि फरवरी में कुछ घटनाएं हुई थीं और सीमा पर फिर से तनाव हुआ.इसलिए लोगों में ऐसी भावना है और इसलिए मैंने राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा कि क्या वह इस भूमिका में आना चाहेंगे. अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है, एकमात्र ऐसा देश है जो कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता कर सकता है. इमरान खान ने कहा कि हम पिछले 70 साल से सिर्फ और सिर्फ कश्मीर के कारण सभ्य पड़ोसियों की तरह नहीं रह सके हैं. (इनपुट भाषा से)
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(इनपुट भाषा से)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं