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This Article is From May 12, 2023

क्या इमरजेंसी की ओर पाकिस्तान? पूर्व PM इमरान खान की गिरफ्तारी और जमानत पर ऐसे बंटा मुल्क

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भले ही सत्ता से बाहर हों, लेकिन उन्होंने सरकार की नाक में दम कर रखा है. उनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शनों ने उनकी ताकत दिखाई है. अब जमानत मिलने के बाद हालात और बिगड़ने की आशंका है.

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान को 17 मई तक हर केस में गिरफ्तारी से राहत भी दे दी है.

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी पर गुस्सा और सियासत चरम पर है. इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद गुरुवार को रिहा किया गया था. अब इस्लामाबाद हाइकोर्ट ने भी ज़मानत दे दी है. रिहाई और हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी पाकिस्तान में बवाल थमता नहीं दिख रहा है. इस्लामाबाद में खान के समर्थकों ने पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी. ऐसे में सवाल है कि क्या पाकिस्तान इमरजेंसी की ओर बढ़ रहा है? क्योंकि इमरान खान के मामले में मुल्क कोर्ट बनाम सेना और सरकार में बंटती दिख रही है.

'जियो न्यूज' के मुताबिक, गुरुवार को इमरान खान की रिहाई के बाद शहबाज शरीफ कैबिनेट की मीटिंग हुई. इस मीटिंग में कई मंत्रियों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुल्क में इमरजेंसी लगाने की सिफारिश की. इमरान खान को शुक्रवार को जमानत मिलने से कुछ देर पहले भी शहबाज शरीफ ने कैबिनेट मीटिंग की थी. मीटिंग में वह इमरान खान पर जमकर बरसे. पीएम शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान में 9 मई को जो हुआ है, वैसा बांग्लादेश बनने के बाद भी नहीं हुआ. पाकिस्तानी सेना पर इमरान के समर्थकों ने हमला किया, जो बेहद शर्मनाक है. इस बीच, सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जमात-ए-इस्लामी के चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान ने ऐलान किया कि वो सोमवार से सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान के लिए क्या कहा?
इमरान खान की गिरफ्तारी को सरकार ने सही ठहराया. सरकार सेना के समर्थन में उतर आई. वहीं, इमरान खान की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया. कोर्ट ने नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) को आदेश दिया था कि इमरान खान को एक घंटे के अंदर पेश किया जाए. चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा- "उन्हें जिस तरह कोर्ट से गिरफ्तार किया गया, वो अपमानजनक है. 90-100 रेंजर का ऐसे कोर्ट परिसर में घुसकर किसी को गिरफ्तार करना गलत है. अगर कोई सरेंडर करने आए तो गिरफ्तारी नहीं हो सकती."

चीफ जस्टिस ने इमरान का जाना हाल
चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कोर्ट में पेशी के दौरान इमरान खान का हाल जाना. चीफ जस्टिस ने कहा- "आपको यहां देख कर खुशी हुई. अपने समर्थकों से अमन की अपील करें." इमरान खान ने कोर्ट से ही अपने समर्थकों से अमन की अपील की. रिहाई के बाद अदालत ने जान का खतरा बताते हुए इमरान खान को घर नहीं जाने दिया, बल्कि उन्हें पुलिस लाइंस के गेस्टहाउस में रखने का आदेश दिया.

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी इमरान खान से की मुलाकात
इमरान खान को लेकर सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, बल्कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी नर्म रुख अख्तियार किया. गुरुवार को खान की रिहाई के बाद राष्ट्रपति अल्वी ने पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस में उनसे मुलाकात की. 'जियो न्यूज' के मुताबिक-अल्वी ने खान को उनकी गिरफ्तारी के बाद देश में फैली हिंसा के बारे में बताया. इससे पहले अल्वी ने इमरान खान की गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री शाहबाज को शरीफ को चिट्ठी लिखी थी.

सरकार ने SC के चीफ जस्टिस की आलोचना
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सियासत शुरू हो गई. PMLN की नेता मरियम नवाज़ शरीफ से चीफ जस्टिस के परिवार के इमरान से रिश्तों को रिहाई का कारण बताया. उन्होंने कहा कि ये फैसला पाकिस्तान के खिलाफ है. चीफ जस्टिस को भी PTI में शामिल हो जाना चाहिए.

इमरजेंसी लगने में भी है पेंच
इमरजेंसी लगाने के लिए कैबिनेट राष्ट्रपति के पास प्रस्ताव भेजेगी. राष्ट्रपति ही इसे मंजूर या नामंजूर कर सकते हैं. इमरजेंसी लगाने में पेंच यह है कि अल्वी खुलेआम इमरान खान की हिमायत करते हैं. अल्वी की बेटी पीटीआई की सदस्य भी हैं. पाकिस्तान की संविधान के मुताबिक, इमरजेंसी लगने के बाद वहां कम से कम 16 महीने तक इलेक्शन नहीं हो सकते. कई मौकों पर इमरान खान जल्द चुनाव कराने की वकालत कर चुके हैं. ऐसे में इमरजेंसी लगने से इमरान खान को ही नुकसान होगा.

कब और किस मामले में गिरफ्तार किए गए थे इमरान खान?
इमरान खान को 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमैट्रिक रूम से नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) के वारंट पर पैरामिलिट्री फोर्स ने गिरफ्तार किया था. खान की गिरफ्तारी अल कादिर ट्रस्ट स्कैम में की गई थी. सरकार का आरोप है कि यह 60 अरब पाकिस्तानी रुपये का घोटाला है. जिसे इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और बुशरा की दोस्त फराह गोगी ने अंजाम दिया. फराह उसी दिन देश छोड़कर भाग गई थी, जिस दिन इमरान खान की सरकार गिरी थी. शुक्रवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 17 मई और लाहौर हाईकोर्ट ने 15 मई तक इमरान की किसी भी केस में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.

हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 8 लोगों की गई जान
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में समर्थकों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकारी कार्यालयों, सेना के ऑफिस समेत कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई. सुरक्षाबलों के साथ झड़प में 8 लोगों की मौत हो गई. 300 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए. सड़कों पर कोहराम मच गया. कराची, पेशावर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी  जैसे बड़े शहरों में चारों तरफ आग ही आग नज़र आया.


पाकिस्तान सरकार को पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर इस्लामाबाद हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. बैठकों का दौर पाकिस्तान में जारी है. इमरान खान को लेकर पड़ोसी मुल्क में हालात जल्द सुधरेंगे, इसके आसार बहुत कम हैं. सेना और सरकार दोनों इमरान खान के खिलाफ दिख रही है, लेकिन जनता का समर्थन सड़कों पर इमरान के पक्ष में नजर आ रहा है.

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