
पीएम नरेंद्र मोदी...
- 100 अरब डॉलर की भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग पर प्रभाव पड़ने की आशंका है.
- जारी रिपोर्ट के अनुसार वीजा नियमों को और कड़ा किया जा सकता है.
- नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बातचीत की आवश्यकता होगी
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इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कामर्स (आईएसीसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एनवी श्रीनिवास ने कहा, 'भारत और अमेरिका के लिये भारतीय कुशल कामगारों को एच-1बी वीजा दिये जाने से अमेरिका में रोजगार की कमी को लेकर विभिन्न तबकों में जतायी जा रही चिंता को दूर करने का उपयुक्त समय है.' उन्होंने कहा, 'अमेरिका में जारी रिपोर्ट के अनुसार वीजा नियमों को और कड़ा किया जा सकता है. अमेरिका के प्राथमिकता के आधार पर एच-1बी वीजा का प्रसंस्करण निलंबित किए जाने से भारतीय उद्योग प्रभावित हो रहा है.'
श्रीनिवास ने कहा, '..अब जब और कड़े उपाय किए जाने की आशंका है, ऐसे में इस प्रकार के जटिल मुद्दों के सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान के लिए उच्च स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बातचीत की आवश्यकता होगी.' उन्होंने अमेरिकी चैंबर ऑफ कामर्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस विचार को खारिज किया कि एच-1बी वीजाधारक अमेरिकी कर्मचारियों का स्थान ले रहे हैं.
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