कैसे 2 भारतीय रेस्तरां ने अमेरिका में इन्वेस्टर्स से ठगे 3 करोड़ रुपए?

मुकदमा दायर कर आरोप लगाया गया है कि टीबीजी के मालिक मार्शल और रोहिणी मिरांडा ने बिस्सोनेट के साथ मिलकर निवेशकों को उनकी इन्वेस्टमेंट को सिक्योर और अट्रैक्टिव मौका बताकर गुमराह किया.

कैसे 2 भारतीय रेस्तरां ने अमेरिका में इन्वेस्टर्स से ठगे 3 करोड़ रुपए?

अमेरिका के दो भारतीय रेस्तरां पर धोखाधड़ी का आरोप.

नई दिल्ली:

अमेरिका के दो भारतीय रेस्तरां पर धोखाधड़ी (US Indian Restaurants) का आरोप लगा है. कोलोराडो में दो भारतीय रेस्तरां बॉम्बे क्ले ओवन और सॉसी बॉम्बे पर निवेशकों को लुभाने के लिए "आधे सच और झूठ" समेत भ्रामक रणनीति अपनाकर उनसे 380,000 डॉलर या 3,16,56,926 रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है. रास्तरां पर कारोबार देशभर में बढ़ाने के नाम पर निवेशकों से पैसे ऐंठने का आरोप है. दोनों रेस्तरां द बॉम्बे ग्रुप (टीबीजी) के ऑनरशिप में थे. द बॉम्बे ग्रुप ने माइकल बिस्सोनेट नाम के सिक्योरिटीज ब्रोकर के साथ पार्टनरशिप की थी.

अमेरिका के रेस्तरां इंडस्टरी में दूसरे कॉम्पटिटिव की तरह, टीबीजी भी अपने बिजनेस को व्यवसाय को एक नेशनल चेन के रूप में आगे बढ़ाना चाहता था. वह भी सैकड़ों या हजारों आउटलेट खोलना चाहता था. इसके लिए उसने एक स्ट्रैटजी बनाई, जिसमें फास्ट-कैज़ुअल डाइनिंग की बढ़ती ट्रेंड को आगे बढ़ाते हुए सॉसी बॉम्बे की फ़्रेंचाइज़ी शामिल थी. 

भारतीय रेस्तरां पर धोखाधड़ी का आरोप

राज्य के सिक्योरिटीज कमिश्नर तुंग चान ने कहा, "इस मामले में निवेशकों ने बॉम्बे ग्रुप और उनके रेस्तरां सॉसी बॉम्बे पर विश्वास जताया. लेकिन जैसा कि आरोप है कि निवेशकों को निवेश के बारे में सच्चाई नहीं बताई गई और उन्हें वापस पेमेंट नहीं की गई. "

मुकदमा दायर कर आरोप लगाया गया है कि टीबीजी के मालिक मार्शल और रोहिणी मिरांडा ने बिस्सोनेट के साथ मिलकर निवेशकों को उनकी इन्वेस्टमेंट को सिक्योर और अट्रैक्टिव मौका बताकर गुमराह किया. कथित तौर पर इस स्कीम से उन्होंने अच्छे रिटर्न की गारंटी इन्वेस्टर्स को दी. उन्होंने कहा कि इस निवेश से उनको आधी तिमाही आधार पर 2,900 प्रतिशत तक का फायदा होगा. 

वादा कर निवेशकों को नहीं दिया रिटर्न

वादा करने के बाद भी सॉसी बॉम्बे ने 2015 के अंत तक अपना कामकाज समेट लिया और इसकी जानकारी इन्वेस्टरों को नहीं दी. बंद होने के बाद भी 2015 और 2016 के दौरान टीबीजी के पास पैसे का फ्लो चलता रहा, जिसमें उसके खुद के स्टॉक बेचने, किराया, ऑपरेशनल खर्चे भी शामिल हैं. 

2016 के आखिर तक, निवेशित पूंजी कम हो गई और निवेशकों को कोई रिटर्न नहीं मिला. हालांकि 2018 में एक नई सॉसी बॉम्बे लोकेशन खोली गई. इसकी फ़्रेंचाइज़िंग योजना सफल नहीं हो सकीं.

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