हांगकांग में जारी विरोध के बीच प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटें और गैसोलीन बम फेंके जिसके जवाब में पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े. सरकार के विरोध में कई महीनों से चल रहे इन प्रदर्शनों में करीब दो हफ्ते बाद शनिवार को एक बार फिर उथल-पुथल मचाने वाले दृश्य दिखे. काले कपड़ों में प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के हाथ में बांस की लाठियां और बेसबॉल के बल्ले थे जिनके जरिए उन्होंने मुख्य मार्ग पर लाठीचार्च कर रहे पुलिस अधिकारियों के साथ झगड़ा किया. अव्यवस्था के ये दृश्य पुलिस थाने के बाहर और पास के शॉपिंग मॉल में देखने को मिले जहां अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष ने हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर अस्थायी अवरोधक लगाए हुए थे.
इस हिंसा से हांगकांग में करीब दो हफ्तों से चल रही शांति भंग हो गई. हांगकांग, लोकतंत्र के समर्थन में जून से चल रहे आंदोलन की गिरफ्त में है. सरकार ने एक बयान में कहा कि बार-बार दी गई चेतावनी के बेकार चले जाने पर पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. शाम होने तक ज्यादातर प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया था. इससे पहले दोपहर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्मार्ट लैंपपोस्ट को काटने के लिए एक इलेक्ट्रिक आरी का प्रयोग किया जबकि अन्य ने उसके आस-पास रस्सियां बांध दीं ताकि वह उसे काट सकें और उसके गिरने पर खुशी मनाते थे.
विरोध मार्च शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ जहां समर्थकों ने लैंपपोस्ट हटाने की मांग की. प्रदर्शनकारियों को चिंता है कि चीनी अधिकारियों ने निगरानी करने के लिए उनमें उच्च प्रौद्योगिकी वाले कैमरा और चेहरा पहचानने वाले सॉफ्टवेयर लगाए हो सकते हैं. उन्होंने सरकार से आंदोलन में उठाई गई मांगों का जवाब देने के नारे लगाए. ये प्रदर्शन जून में एक प्रत्यर्पण संबंधित विधेयक को वापस लेने को लेकर शुरू हुए थे जिसके तहत हांगकांग के निवासियों को मुकदमे के लिए चीन भेजा जा सकता था. फिलहाल इस विधेयक पर रोक लगा दी गई है.
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