कराची:
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अपहरणकर्ताओं के साथ मुठभेड़ के बाद तीन-वर्षीय हिन्दू बच्ची को उनके कब्जे से मुक्त करा लिया। मुठभेड़ के दौरान चार अपहरणकर्ता मारे गए।
पुलिस ने बताया कि सुनील सचदेव की बेटी माही सचदेव का पिछले सप्ताह अपहरण हो गया था। अपहरणकर्ताओं ने पांच करोड़ रुपये फिरौती मांगी थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, पारिवारिक नौकर रानो ने 13 जुलाई को वालिका अस्पताल के डॉक्टर्स मेस से माही का अपहरण कर लिया था। माही के माता-पिता दोनों इसी अस्पताल में डॉक्टर हैं।
'एंटी-वायलेंट क्राइम सेल' के प्रमुख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नियाज अहमद खोसो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी और सिटिजन्स-पुलिस लियाजन कमेटी का एक सदस्य घायल हुआ है। 'द डॉन' अखबार की खबर के अनुसार, परिवार ने अपहरणकर्ताओं को बातचीत में उलझाकर रखा और अंत में फिरौती की रकम 6,00,000 रुपये तक पहुंची। तय हुआ कि फिरौती की रकम कराची के कासिफ सेंटर इलाके में दी जाएगी। फिरौती लेने आए अपहरणकर्ताओं को पुलिसकर्मियों ने घेर लिया और गोलीबारी में एक संदिग्ध घायल हो गया, जबकि उसके अन्य साथी फरार हो गए।
खोसो ने बताया, घायल संदिग्ध ने बताया कि बच्ची को नीलम कॉलोनी में रखा गया है। उसने अपना नाम नहीं बताया, सिर्फ बताया कि वह हिन्दू है। जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर ले जाने में उसकी मौत हो गई। बाद में पुलिस ने नीलम कॉलोनी में एक अभियान के दौरान तीन अन्य अपहरणकर्ताओं को मार गिराया और बच्ची को मुक्त करा लिया। उनके ठिकाने से चार राइफलें और चार पिस्तौल मिले हैं।
पुलिस ने बताया कि सुनील सचदेव की बेटी माही सचदेव का पिछले सप्ताह अपहरण हो गया था। अपहरणकर्ताओं ने पांच करोड़ रुपये फिरौती मांगी थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, पारिवारिक नौकर रानो ने 13 जुलाई को वालिका अस्पताल के डॉक्टर्स मेस से माही का अपहरण कर लिया था। माही के माता-पिता दोनों इसी अस्पताल में डॉक्टर हैं।
'एंटी-वायलेंट क्राइम सेल' के प्रमुख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नियाज अहमद खोसो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी और सिटिजन्स-पुलिस लियाजन कमेटी का एक सदस्य घायल हुआ है। 'द डॉन' अखबार की खबर के अनुसार, परिवार ने अपहरणकर्ताओं को बातचीत में उलझाकर रखा और अंत में फिरौती की रकम 6,00,000 रुपये तक पहुंची। तय हुआ कि फिरौती की रकम कराची के कासिफ सेंटर इलाके में दी जाएगी। फिरौती लेने आए अपहरणकर्ताओं को पुलिसकर्मियों ने घेर लिया और गोलीबारी में एक संदिग्ध घायल हो गया, जबकि उसके अन्य साथी फरार हो गए।
खोसो ने बताया, घायल संदिग्ध ने बताया कि बच्ची को नीलम कॉलोनी में रखा गया है। उसने अपना नाम नहीं बताया, सिर्फ बताया कि वह हिन्दू है। जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर ले जाने में उसकी मौत हो गई। बाद में पुलिस ने नीलम कॉलोनी में एक अभियान के दौरान तीन अन्य अपहरणकर्ताओं को मार गिराया और बच्ची को मुक्त करा लिया। उनके ठिकाने से चार राइफलें और चार पिस्तौल मिले हैं।
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