काबुल बम ब्लास्ट
काबुल:
काबुल के भीड़भाड़ वाले इलाके में शनिवार को विस्फोटकों से भरी एक एंबुलेंस में विस्फोट से मरने वालों की तादाद 95 हो गई है और 158 अन्य घायल हुए हैं. यह हाल के वर्षों में युद्ध प्रभावित शहर में सबसे बड़े विस्फोटों में से एक है. सरकारी मीडिया सेंटर के निदेशक बरियालाई हिलाली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मरने वालों की ताजा संख्या 95 और घायलों की संख्या 158 है.’’ उन्होंने चेतावनी दी कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायलों की हालत ‘गंभीर’ है.
हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. पिछले साल मई में राजधानी काबुल के कूटनीतिक क्षेत्र में एक ट्रक में हुए विस्फोट के बाद अभी तक के सबसे बड़े विस्फोट के कारण अफरा-तफरी मच गई और डरे-सहमे लोग इधर-उधर भागने लगे. यह विस्फोट ऐसी जगह हुआ है जहां यूरोपीय संघ समेत कई बड़े संस्थानों के कार्यालय मौजूद हैं.
विस्फोट की तीव्रता के चलते कम से कम दो किलोमीटर दूर स्थित क्षेत्रों में मौजूद इमारतों की खिड़कियां हिल गईं और घटनास्थल से 100 मीटर के अंदर स्थित इमारतों की खिड़कियां टूट गईं. कुछ कम ऊंची इमारतें गिर भी गईं. गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया, ‘‘आत्मघाती हमलावर ने जांच चौकी से गुजरने के लिए एक एंबुलेंस का इस्तेमाल किया. उसने एंबुलेंस में एक मरीज को जमूरियत अस्पताल ले जाने की बात कहकर पहली जांच चौकी पार की और दूसरी जांच चौकी पर उसे पहचान लिया गया और उसने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को उड़ा दिया.’’
तालिबान ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली है. इटली के एनजीओ इमरजेंसी ने बताया कि सात मृतकों और 70 घायलों को उसके अस्पताल लाया गया. उसके संयोजक ने देजान पेनिक ने ट्वीट किया कि यह एक ‘‘नरसंहार’’ है. नागरिकों ने जख्मी लोगों को अपनी पीठ पर लादकर मलवे से ढंकी सड़कों से गुजरते हुए उन्हें अस्पताल पहुंचाया और कई अन्य ने जख्मी लोगों को एंबुलेंस में डालने में मदद की. सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों को कथित तौर पर विस्फोट की तस्वीरें बताया जा रहा है जिसमें आसमान में धुएं का गुबार उठता हुआ दिखाया गया है.
यह विस्फोट शहर के व्यस्ततम इलाके में हुआ है जहां उच्च शांति परिषद् का कार्यालय स्थित है. इस परिषद् को तालिबान के साथ बातचीत करने का जिम्मा सौंपा गया है. परिषद् की एक सदस्य हसीना सफी ने बताया, ‘‘इसने हमारी जांच चौकियों को निशाना बनाया. यह बहुत जबरदस्त विस्फोट था- हमारी सारी खिड़कियां टूट गई हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अबतक हमारे पास हमारे किसी भी सदस्य के मारे जाने की कोई खबर नहीं है.’’ एक अधिकारी ने बताया कि काबुल में यूरोपीय संघ प्रतिनिधि मंडल के सदस्य सुरक्षित कमरे में मौजूद थे और किसी के भी हताहत होने की बात सामने नहीं आई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. पिछले साल मई में राजधानी काबुल के कूटनीतिक क्षेत्र में एक ट्रक में हुए विस्फोट के बाद अभी तक के सबसे बड़े विस्फोट के कारण अफरा-तफरी मच गई और डरे-सहमे लोग इधर-उधर भागने लगे. यह विस्फोट ऐसी जगह हुआ है जहां यूरोपीय संघ समेत कई बड़े संस्थानों के कार्यालय मौजूद हैं.
विस्फोट की तीव्रता के चलते कम से कम दो किलोमीटर दूर स्थित क्षेत्रों में मौजूद इमारतों की खिड़कियां हिल गईं और घटनास्थल से 100 मीटर के अंदर स्थित इमारतों की खिड़कियां टूट गईं. कुछ कम ऊंची इमारतें गिर भी गईं. गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया, ‘‘आत्मघाती हमलावर ने जांच चौकी से गुजरने के लिए एक एंबुलेंस का इस्तेमाल किया. उसने एंबुलेंस में एक मरीज को जमूरियत अस्पताल ले जाने की बात कहकर पहली जांच चौकी पार की और दूसरी जांच चौकी पर उसे पहचान लिया गया और उसने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को उड़ा दिया.’’
तालिबान ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली है. इटली के एनजीओ इमरजेंसी ने बताया कि सात मृतकों और 70 घायलों को उसके अस्पताल लाया गया. उसके संयोजक ने देजान पेनिक ने ट्वीट किया कि यह एक ‘‘नरसंहार’’ है. नागरिकों ने जख्मी लोगों को अपनी पीठ पर लादकर मलवे से ढंकी सड़कों से गुजरते हुए उन्हें अस्पताल पहुंचाया और कई अन्य ने जख्मी लोगों को एंबुलेंस में डालने में मदद की. सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों को कथित तौर पर विस्फोट की तस्वीरें बताया जा रहा है जिसमें आसमान में धुएं का गुबार उठता हुआ दिखाया गया है.
यह विस्फोट शहर के व्यस्ततम इलाके में हुआ है जहां उच्च शांति परिषद् का कार्यालय स्थित है. इस परिषद् को तालिबान के साथ बातचीत करने का जिम्मा सौंपा गया है. परिषद् की एक सदस्य हसीना सफी ने बताया, ‘‘इसने हमारी जांच चौकियों को निशाना बनाया. यह बहुत जबरदस्त विस्फोट था- हमारी सारी खिड़कियां टूट गई हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अबतक हमारे पास हमारे किसी भी सदस्य के मारे जाने की कोई खबर नहीं है.’’ एक अधिकारी ने बताया कि काबुल में यूरोपीय संघ प्रतिनिधि मंडल के सदस्य सुरक्षित कमरे में मौजूद थे और किसी के भी हताहत होने की बात सामने नहीं आई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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