
इस्राइली पिता-पुत्र ओमरी नीर तथा इलाई नीर
- ओमरी नीर व उनका पुत्र इलाई जूडियान की घाटियों में ग्रुप के साथ गए थे
- एक जगह नीचे उतरते हुए इलाई अपने पिता के ऊपर आ गिरा
- जब ओमरी उसका गिरना नहीं रोक पाया, तो उसके साथ ही नीचे गिर गया
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येरूशलम:
पिता हमेशा पिता ही रहता है, और अपने बच्चे पर आती तकलीफ देखकर वह भी कर गुज़रता है, जिसकी आम हालात में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता... ठीक ऐसा ही हुआ इस्राइल में, जब एक पिता ने पहाड़ की चोटी से नीचे गिरते अपने बेटे को बचाने की कोशिश में खुद को भी कुर्बान कर दिया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है...
हालांकि पिता-पुत्र की असामयिक मृत्यु के बाद कुछ लोग इस बात से खुद को तसल्ली देने की कोशिश कर रहे हैं कि कम से कम बच्चे का दिल और शरीर के अन्य अहम अंग चार अलग-अलग बच्चों को दान कर दिए गए, ताकि उनकी ज़िन्दगियां बचाई जा सकें...
शुक्रवार को हुए इस हादसे को इस्राइली मीडिया ने व्यापक कवरेज दी, जिनमें ओमरी नीर तथा उनके 10-वर्षीय बेटे इलाई की मुस्कुराती हुई तस्वीर भी शामिल है...
ओमरी तथा इलाई डेड सी के निकट जूडियान मरुस्थल (रेगिस्तान) की गहरी घाटियों में गए एक ग्रुप का हिस्सा थे... इसी दौरान एक जगह चट्टानों में ठोके गए हैंडलों के ज़रिये नीचे उतरते हुए इलाई अपने पिता के ऊपर आ गिरा...
इस्राइली मीडिया के अनुसार, ओमरी भी इलाई का गिरना नहीं रोक पाया, सो उसे ढके रहने की कोशिश में उसे कसकर पकड़ लिया, और उसके साथ ही नीचे गिर गया... ग्रुप में शामिल एक डॉक्टर तेज़ी से उनकी मदद करने के लिए आगे आए, लेकिन तब तक ओमरी की मौत हो चुकी थी...

आधुनिक लेबनानी इतिहास में शोध कर रहे 50-वर्षीय प्रोफेसर ओमरी का बेटा इलाई उस समय तक ज़िन्दा था, लेकिन अर्द्धमूर्च्छित अवस्था में था... लेकिन बचाव दल के वहां पहुंचने में भी देरी हुई, क्योंकि फोन कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था, और वह जगह भी काफी दूर थी...
आखिरकार उसे हेलीकॉप्टर की मदद से बीरशेबा शहर के अस्पताल तक पहुंचाया गया, जहां रविवार को उसकी मृत्यु हो गई...
रिपोर्टों के मुताबिक, तेल अवीव के उत्तर में बसे फार वितकिन में सोमवार को हुएउनके अंतिम संस्कार में 1,000 से ज़्यादा लोग शामिल हुए...
इस बीच, परिवार ने बच्चे के अंगों को दान करने का फैसला लिया... अस्पताल प्रवक्ता रीवा शाकेद ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "जब हमें मंज़ूरी मिल गई, (तेल अवीव के निकट) श्नाइडर चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ने एक साथ कई ट्रांसप्लान्ट ऑपरेशन शुरू कर दिए..."
उन्होंने बताया कि पूरे दिन चलते रहे इन ऑपरेशनों के दौरान आठ-वर्षीय एक बच्चे को इलाई का दिल लगाया गया, जबकि चार-वर्षीय एक बच्ची को उसका लिवर दिया गया... इलाई के दोनों गुर्दे (किडनियां) भी 10-वर्षीय एक लड़के और सात-वर्षीय एक लड़की के शरीर में लगाए गए... रीवा शाकेद ने बताया, "सब कुछ ठीक तरीके से संपन्न हुआ... अब उन बच्चों की हालत में सुधार हो रहा है..."
हालांकि पिता-पुत्र की असामयिक मृत्यु के बाद कुछ लोग इस बात से खुद को तसल्ली देने की कोशिश कर रहे हैं कि कम से कम बच्चे का दिल और शरीर के अन्य अहम अंग चार अलग-अलग बच्चों को दान कर दिए गए, ताकि उनकी ज़िन्दगियां बचाई जा सकें...
शुक्रवार को हुए इस हादसे को इस्राइली मीडिया ने व्यापक कवरेज दी, जिनमें ओमरी नीर तथा उनके 10-वर्षीय बेटे इलाई की मुस्कुराती हुई तस्वीर भी शामिल है...
ओमरी तथा इलाई डेड सी के निकट जूडियान मरुस्थल (रेगिस्तान) की गहरी घाटियों में गए एक ग्रुप का हिस्सा थे... इसी दौरान एक जगह चट्टानों में ठोके गए हैंडलों के ज़रिये नीचे उतरते हुए इलाई अपने पिता के ऊपर आ गिरा...
इस्राइली मीडिया के अनुसार, ओमरी भी इलाई का गिरना नहीं रोक पाया, सो उसे ढके रहने की कोशिश में उसे कसकर पकड़ लिया, और उसके साथ ही नीचे गिर गया... ग्रुप में शामिल एक डॉक्टर तेज़ी से उनकी मदद करने के लिए आगे आए, लेकिन तब तक ओमरी की मौत हो चुकी थी...

आधुनिक लेबनानी इतिहास में शोध कर रहे 50-वर्षीय प्रोफेसर ओमरी का बेटा इलाई उस समय तक ज़िन्दा था, लेकिन अर्द्धमूर्च्छित अवस्था में था... लेकिन बचाव दल के वहां पहुंचने में भी देरी हुई, क्योंकि फोन कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था, और वह जगह भी काफी दूर थी...
आखिरकार उसे हेलीकॉप्टर की मदद से बीरशेबा शहर के अस्पताल तक पहुंचाया गया, जहां रविवार को उसकी मृत्यु हो गई...
रिपोर्टों के मुताबिक, तेल अवीव के उत्तर में बसे फार वितकिन में सोमवार को हुएउनके अंतिम संस्कार में 1,000 से ज़्यादा लोग शामिल हुए...
इस बीच, परिवार ने बच्चे के अंगों को दान करने का फैसला लिया... अस्पताल प्रवक्ता रीवा शाकेद ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "जब हमें मंज़ूरी मिल गई, (तेल अवीव के निकट) श्नाइडर चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ने एक साथ कई ट्रांसप्लान्ट ऑपरेशन शुरू कर दिए..."
उन्होंने बताया कि पूरे दिन चलते रहे इन ऑपरेशनों के दौरान आठ-वर्षीय एक बच्चे को इलाई का दिल लगाया गया, जबकि चार-वर्षीय एक बच्ची को उसका लिवर दिया गया... इलाई के दोनों गुर्दे (किडनियां) भी 10-वर्षीय एक लड़के और सात-वर्षीय एक लड़की के शरीर में लगाए गए... रीवा शाकेद ने बताया, "सब कुछ ठीक तरीके से संपन्न हुआ... अब उन बच्चों की हालत में सुधार हो रहा है..."
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