अमेरिका में नस्ल, धर्म, रंग के कारण घृणा पर आधारित अपराधों की संख्या 2016 में 2015 के मुकाबले 4.6 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) द्वारा सोमवार को जारी किए गए नए आंकड़ों से इस बात की पुष्टि होती है. वर्ष 2016 में देश में घृणा आधारित अपराधों की कुल संख्या 6,121 थी जबकि 2015 में यह आंकड़ा 5,850 था.
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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आपराधिक घटनाएं नस्ल, जाति, वंश, धर्म, यौन पहचान, विकलांगता, लिंग और लिंग पहचान के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित थीं.
आंकड़ों को मुताबिक, घृणा आधारित अपराधों की संख्या में लगातार दूसरे साल वृद्धि हुई है और इनमें से ज्यादातर घटनाएं किसी व्यक्ति विशेष के पूर्वाग्रह (सिंगल बॉयस इंसीडेंट) से संबंधित थीं.
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एफबीआई ने बताया कि ऐसे अपराधों के पीड़ित कोई व्यक्ति, व्यवसाय, सरकारी संस्थाएं, धार्मिक संगठन या फिर कोई पूरा समाज हो सकता है.
2016 में व्यक्ति विशेष द्वारा पूर्वाग्रह के कारण घटित अपराध की घटनाओं में करीब 58 फीसदी घटनाएं नस्ल, जातीयता और वंशवाद के पूर्वाग्रह से प्रेरित थीं. वहीं 21 फीसदी धार्मिक पूर्वाग्रह से प्रेरित थीं . साथ ही 18 फीसदी यौन पहचान से जुड़ी घटनाएं थीं.
आंकड़ों के मुताबिक, नस्ल से संबंधित घटनाओं में ज्यादातर अश्वेत विरोधी घटनाएं देखी गईं जबकि 20फीसदी श्वेत विरोधी दर्ज की गईं. धर्म-संबंधित अपराधों में से आधे से ज्यादा यहूदी विरोधी थीं, जबकि एक चौथाई मुस्लिम विरोधी थीं.
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एक बयान में अमेरिका के अटॉर्नी-जनरल जेफ सेशन ने कहा, "किसी भी व्यक्ति को इस वजह से होने वाले हिंसक हमलों से डरना नहीं चाहिए कि वे कौन हैं, किसमें विश्वास रखते हैं और किसको पूजते हैं." (इनपुट आईएएनएस से )
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