लाहौर/इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपनी भारत यात्रा की पूर्व संध्या पर शनिवार को कहा कि उन्हें यह उम्मीद नहीं है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ उनकी बैठक हफीज सईद मुद्दे पर केंद्रित रहेगी। हालांकि, पाकिस्तान पर लश्कर ए तैयबा के संस्थापक के खिलाफ मुंबई हमलों को लेकर मुकदमा चलाने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है।
जरदारी ने लाहौर में गवर्नर हाउस में संवाददताओं से कहा, 'सईद पर मेरा रूख मेरी सरकार से अलग नहीं है। मेरी भारत यात्रा धार्मिक प्रकृति की है और मुझे नहीं लगता कि मनमोहन सिंह मुझसे सिर्फ इस मुद्दे पर ही चर्चा करेंगे।' जरदारी (56) रविवार को भारत के लिए रवाना होंगे। वह सिंह के साथ बैठक के बाद दोपहर के भोज में शरीक होंगे। उसके बाद वह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करने के लिए अजमेर जाएंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी संसद में पहले ही कह चुके हैं कि सईद का मामला देश का आंतरिक मुद्दा है। गिलानी ने यह भी कहा है कि सईद के खिलाफ कोई भी सबूत पाकिस्तान को मुहैया करायी जानी चाहिए ताकि देश की स्वतंत्र न्यायपालिका इसकी पड़ताल कर सके।
इस्लामाबाद में विदेश विभाग के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने बताया कि जरदारी नयी दिल्ली में सिंह के साथ अपनी बैठक के दौरान उन्हें साल के अंत में पाकिस्तान की यात्रा करने का न्योता देंगे। जरदारी अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री के रेस कोर्स रोड आवास पर उनके साथ वार्ता करेंगे। इसके बाद वह दोपहर के भोज में शरीक होंगे।
यह पहला मौका होगा, जब शिखर बैठक के लिए समय सीमा का प्रस्ताव किया जाएगा। हालांकि, सिंह ने पहले ही न्योता स्वीकार करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि वह तभी यात्रा करेंगे, जब कोई ठोस नतीजा निकलने की संभावना होगी। प्रधानमंत्री ने सोल में हुए परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से लौटते हुए यह बात कही थी।
बासित ने जरदारी के भारत दौरे को अहम बताते हुए कहा कि यात्रा के पीछे कोई एजेंडा नहीं है हालांकि दोनों नेताओं के बीच सभी द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय हालात पर चर्चा होने की उम्मीद है। बासित ने कहा, 'जहां तक वार्ता की बात है, कोई एजेंडा नहीं है। लेकिन जब दोनों नेता मिलेंगे, तब पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दों तथा क्षेत्रीय हालात पर चर्चा होगी।'
वर्ष 2005 के बाद भारत का दौरा करने वाले जरदारी पाकिस्तान के प्रथम राष्ट्राध्यक्ष होंगे। इससे पहले, पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने भारतीय नेतृत्व के साथ वार्ता के लिए भारत का दौरा किया था। पाकिस्तान ने जरदारी की इस यात्रा को निजी यात्रा बताया है, जिसका उद्देश्य अजमेर में ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करना है। जरदारी ने इस दरगाह पर अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो के साथ पहले भी जियारत की है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति के साथ उनके 23 साल के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी भी होंगे। हालांकि, बासित ने बताया कि उनके पास इस बात की जानकारी नहीं है कि बिलावल राहुल गांधी से मिलेंगे या नहीं।
जरदारी ने लाहौर में गवर्नर हाउस में संवाददताओं से कहा, 'सईद पर मेरा रूख मेरी सरकार से अलग नहीं है। मेरी भारत यात्रा धार्मिक प्रकृति की है और मुझे नहीं लगता कि मनमोहन सिंह मुझसे सिर्फ इस मुद्दे पर ही चर्चा करेंगे।' जरदारी (56) रविवार को भारत के लिए रवाना होंगे। वह सिंह के साथ बैठक के बाद दोपहर के भोज में शरीक होंगे। उसके बाद वह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करने के लिए अजमेर जाएंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी संसद में पहले ही कह चुके हैं कि सईद का मामला देश का आंतरिक मुद्दा है। गिलानी ने यह भी कहा है कि सईद के खिलाफ कोई भी सबूत पाकिस्तान को मुहैया करायी जानी चाहिए ताकि देश की स्वतंत्र न्यायपालिका इसकी पड़ताल कर सके।
इस्लामाबाद में विदेश विभाग के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने बताया कि जरदारी नयी दिल्ली में सिंह के साथ अपनी बैठक के दौरान उन्हें साल के अंत में पाकिस्तान की यात्रा करने का न्योता देंगे। जरदारी अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री के रेस कोर्स रोड आवास पर उनके साथ वार्ता करेंगे। इसके बाद वह दोपहर के भोज में शरीक होंगे।
यह पहला मौका होगा, जब शिखर बैठक के लिए समय सीमा का प्रस्ताव किया जाएगा। हालांकि, सिंह ने पहले ही न्योता स्वीकार करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि वह तभी यात्रा करेंगे, जब कोई ठोस नतीजा निकलने की संभावना होगी। प्रधानमंत्री ने सोल में हुए परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से लौटते हुए यह बात कही थी।
बासित ने जरदारी के भारत दौरे को अहम बताते हुए कहा कि यात्रा के पीछे कोई एजेंडा नहीं है हालांकि दोनों नेताओं के बीच सभी द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय हालात पर चर्चा होने की उम्मीद है। बासित ने कहा, 'जहां तक वार्ता की बात है, कोई एजेंडा नहीं है। लेकिन जब दोनों नेता मिलेंगे, तब पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दों तथा क्षेत्रीय हालात पर चर्चा होगी।'
वर्ष 2005 के बाद भारत का दौरा करने वाले जरदारी पाकिस्तान के प्रथम राष्ट्राध्यक्ष होंगे। इससे पहले, पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने भारतीय नेतृत्व के साथ वार्ता के लिए भारत का दौरा किया था। पाकिस्तान ने जरदारी की इस यात्रा को निजी यात्रा बताया है, जिसका उद्देश्य अजमेर में ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करना है। जरदारी ने इस दरगाह पर अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो के साथ पहले भी जियारत की है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति के साथ उनके 23 साल के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी भी होंगे। हालांकि, बासित ने बताया कि उनके पास इस बात की जानकारी नहीं है कि बिलावल राहुल गांधी से मिलेंगे या नहीं।
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