इस्लामाबाद:
प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद और अह्ल-ए-सुन्नत वल जमात के नेता अहमद लुधियानवी ने तकरीबन छह घंटे तक पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ चूहे-बिल्ली का खेल खेला। दरअसल, सुरक्षा बल इन नेताओं को इस्लामाबाद में प्रवेश से रोकने की कोशिश कर रहे थे।
इस्लामाबाद में प्रवेश पर पाबंदी के बावजूद सईद और लुधियानवी मंगलवार को शहर में घुस आए और दफा-ए-पाकिस्तान परिषद की ओर से आयोजित एक रैली में शिरकत की। रैली आयोजित करने का मकसद नाटो के आपूर्ति मार्ग को न खोलने के लिए सरकार पर दबाव बनाना था। नाटो का आपूर्ति मार्ग पिछले साल बंद कर दिया गया था। सईद तो ससंद से कूछ ही दूरी पर कट्टरपंथी और चरमपंथी संगठनों के हजारों सदस्यों को संबोधित करने में सफल रहा जबकि सुरक्षा बलों के दबाव के कारण लुधियानवी को इसमें नाकामी हाथ लगी।
‘डॉन’ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी का सुरक्षा तंत्र सईद और लुधियानवी के लिए कहीं से भी बराबरी का साबित नहीं हुआ।
इस्लामाबाद में प्रवेश पर पाबंदी के बावजूद सईद और लुधियानवी मंगलवार को शहर में घुस आए और दफा-ए-पाकिस्तान परिषद की ओर से आयोजित एक रैली में शिरकत की। रैली आयोजित करने का मकसद नाटो के आपूर्ति मार्ग को न खोलने के लिए सरकार पर दबाव बनाना था। नाटो का आपूर्ति मार्ग पिछले साल बंद कर दिया गया था। सईद तो ससंद से कूछ ही दूरी पर कट्टरपंथी और चरमपंथी संगठनों के हजारों सदस्यों को संबोधित करने में सफल रहा जबकि सुरक्षा बलों के दबाव के कारण लुधियानवी को इसमें नाकामी हाथ लगी।
‘डॉन’ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी का सुरक्षा तंत्र सईद और लुधियानवी के लिए कहीं से भी बराबरी का साबित नहीं हुआ।
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