महात्मा गांधी (फाइल फोटो)
जोहानिसबर्ग:
महात्मा गांधी की 45 वर्षीय परपोती पर दक्षिण अफ्रीका में दो कारोबारियों से 830,000 डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। चोरी, जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों में आशीष लता रामगोबिन सोमवार को डरबन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुईं।
अपना खुद का कारोबार करने वाली रामगोबिन पर आरोप लगा है कि उन्होंने दो स्थानीय कारोबारियों से इस आधार पर 831, 380 डॉलर की धोखाधड़ी की कि उन्हें निजी अस्पताल समूह नेटकेयर के लिए भारत से बिस्तरों के आयात का एक बड़ा टेंडर मिला है।
जांच एजेंसी हॉक के ब्रिगेडियर हंगवानी मुलाउद्जी ने बताया कि रामगोबिन ने कथित रूप से निवेशकों को फर्जी दस्तावेज दिखाए और निवेशकों को इस बात के लिए राजी कर लिया कि कपड़े से लदे तीन कंटेनर भारत से लाए गए हैं।
एस आर महाराज नामक कारोबारी ने इस वादे के साथ 62 लाख अफ्रीकी रैंड मुहैया कराए कि उसे मुनाफे में से बड़ा हिस्सा दिया जाएगा। रामगोबिन ने महाराज से अपील की थी कि वह इन कंटेनरों के लिए आयात और सीमा शुल्क आदि के मामले को निपटा दें।
एक अन्य कारोबारी ने भी इसी धोखे में 52 लाख रैंड उपलब्ध कराए थे। रामगोबिन प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता इला गांधी और मेवा रामगोबिन की बेटी है।
महात्मा गांधी के परिवार के लोगों ने दक्षिण अफ्रीका में मानवाधिकार के क्षेत्र में काम करते हुए काफी नाम कमाया है। इला गांधी विशेष रूप से अपने प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय जगत में जानी जाती हैं और उन्हें भारत की ओर से राष्ट्रीय सम्मान भी प्रदान किए गए हैं।
अपना खुद का कारोबार करने वाली रामगोबिन पर आरोप लगा है कि उन्होंने दो स्थानीय कारोबारियों से इस आधार पर 831, 380 डॉलर की धोखाधड़ी की कि उन्हें निजी अस्पताल समूह नेटकेयर के लिए भारत से बिस्तरों के आयात का एक बड़ा टेंडर मिला है।
जांच एजेंसी हॉक के ब्रिगेडियर हंगवानी मुलाउद्जी ने बताया कि रामगोबिन ने कथित रूप से निवेशकों को फर्जी दस्तावेज दिखाए और निवेशकों को इस बात के लिए राजी कर लिया कि कपड़े से लदे तीन कंटेनर भारत से लाए गए हैं।
एस आर महाराज नामक कारोबारी ने इस वादे के साथ 62 लाख अफ्रीकी रैंड मुहैया कराए कि उसे मुनाफे में से बड़ा हिस्सा दिया जाएगा। रामगोबिन ने महाराज से अपील की थी कि वह इन कंटेनरों के लिए आयात और सीमा शुल्क आदि के मामले को निपटा दें।
एक अन्य कारोबारी ने भी इसी धोखे में 52 लाख रैंड उपलब्ध कराए थे। रामगोबिन प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता इला गांधी और मेवा रामगोबिन की बेटी है।
महात्मा गांधी के परिवार के लोगों ने दक्षिण अफ्रीका में मानवाधिकार के क्षेत्र में काम करते हुए काफी नाम कमाया है। इला गांधी विशेष रूप से अपने प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय जगत में जानी जाती हैं और उन्हें भारत की ओर से राष्ट्रीय सम्मान भी प्रदान किए गए हैं।
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