सैन फ्रांसिस्को:
कल्पना कीजिए एक ऐसे कंप्यूटर की, जिसमें मानव मस्तिष्क की तरह चीजों को समझने की क्षमता हो और वह बिना कुछ बताए चीजों को देखते ही उसके बारे में प्रतिक्रिया देता हो। जी हां, यह कल्पना अब हकीकत का रूप ले रही है और दिग्गज अमेरिकी कंपनी गूगल ने कहा है कि वह मानव मस्तिष्क की समझने की क्षमता की नकल करने की कंप्यूटरों की क्षमता को दोगुना कर रही है।
गूगल के फेलो जेफ डीन एंड्रयू एनजी ने अपने ब्लॉग में कहा कि इस प्रकार प्रोग्राम किए गए कंप्यूटरों को जब यू-ट्यूब पर वीडियो दिखाया गया, तो उन्होंने बिल्ली को पहचान लिया। शोधकर्ताओं ने कहा, हमारी अवधारणा थी कि कंप्यूटर इन वीडियो को देखकर सामान्य चीजों को पहचानना सीख लेगा।
उन्होंने कहा, वास्तव में हमारे एक कृत्रिम न्यूरोन्स ने बिल्ली की तस्वीर देखने पर बहुत तेजी से प्रतिक्रिया देना सीख लिया है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि इस नेटवर्क को कभी भी यह नहीं बताया गया था कि बिल्ली क्या होती है या ऐसी कोई तस्वीर नहीं दी गई थी, जिस पर लिखा हो कि यह एक बिल्ली है। डीन ने कहा कि कंप्यूटर ने अपने आप ही यह सीख लिया कि बिल्ली कैसी दिखती है।
गूगल के फेलो जेफ डीन एंड्रयू एनजी ने अपने ब्लॉग में कहा कि इस प्रकार प्रोग्राम किए गए कंप्यूटरों को जब यू-ट्यूब पर वीडियो दिखाया गया, तो उन्होंने बिल्ली को पहचान लिया। शोधकर्ताओं ने कहा, हमारी अवधारणा थी कि कंप्यूटर इन वीडियो को देखकर सामान्य चीजों को पहचानना सीख लेगा।
उन्होंने कहा, वास्तव में हमारे एक कृत्रिम न्यूरोन्स ने बिल्ली की तस्वीर देखने पर बहुत तेजी से प्रतिक्रिया देना सीख लिया है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि इस नेटवर्क को कभी भी यह नहीं बताया गया था कि बिल्ली क्या होती है या ऐसी कोई तस्वीर नहीं दी गई थी, जिस पर लिखा हो कि यह एक बिल्ली है। डीन ने कहा कि कंप्यूटर ने अपने आप ही यह सीख लिया कि बिल्ली कैसी दिखती है।
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