जर्मनी में एक गुरुद्वारे पर बम हमले के मामले में तीन किशोरों को सजा सुनाई गई
बर्लिन:
जर्मनी में तीन कट्टर किशोरों को एक गुरुद्वारे पर 'धार्मिक रूप से प्रेरित' बम हमले को अंजाम देने के लिए सजा सुनाई गई. हमले में एक सिख ग्रंथी बुरी तरह घायल हो गया था. अदालत के एक प्रवक्ता ने कहा कि जज ने फैसला दिया कि किशोर सुधार गृह में ये लोग सात साल, छह साल नौ महीने और छह साल की सजा काटेंगे.
अभियोजकों ने दलील दी थी कि 17 साल के किशोरों ने कट्टरपंथी इस्लामी प्रेरणा से 'नास्तिकों' को मारने के लिए एसेन शहर में स्थित गुरुद्वारे पर हमला किया था. अदालत ने माना कि वे दूसरे धर्मों के प्रति नफरत की भावना से प्रेरित थे. सुनवाई में इस बात के सबूतों का खुलासा नहीं हुआ कि तीनों का आतंकी समूह आईएसआईएस से सीधा संबंध था. दो दोषी किशोरों ने 16 अप्रैल, 2016 को गुरुद्वारे में देसी बम में विस्फोट किया था, जिसमें सिख ग्रंथी सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. विस्फोट से गुरुद्वारे के दरवाजों को नुकसान पहुंचा.
तीसरे किशोर को हमले की साजिश रचने में शामिल होने के लिए दोषी करार दिया गया और किशोर सुधार गृह में छह साल बिताने की सजा सुनाई गई. 'लोकल जर्मनी' अखबार की खबर के अनुसार घटना के समय दोषी यूसुफ टी, मोहम्मद बी और टोल्गा आई की उम्र 16 साल थी. तीनों लड़कों का जन्म जर्मनी में हुआ है. अधिकारियों ने विस्फोट को इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किया गया 'आतंकी हमला' बताया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अभियोजकों ने दलील दी थी कि 17 साल के किशोरों ने कट्टरपंथी इस्लामी प्रेरणा से 'नास्तिकों' को मारने के लिए एसेन शहर में स्थित गुरुद्वारे पर हमला किया था. अदालत ने माना कि वे दूसरे धर्मों के प्रति नफरत की भावना से प्रेरित थे. सुनवाई में इस बात के सबूतों का खुलासा नहीं हुआ कि तीनों का आतंकी समूह आईएसआईएस से सीधा संबंध था. दो दोषी किशोरों ने 16 अप्रैल, 2016 को गुरुद्वारे में देसी बम में विस्फोट किया था, जिसमें सिख ग्रंथी सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. विस्फोट से गुरुद्वारे के दरवाजों को नुकसान पहुंचा.
तीसरे किशोर को हमले की साजिश रचने में शामिल होने के लिए दोषी करार दिया गया और किशोर सुधार गृह में छह साल बिताने की सजा सुनाई गई. 'लोकल जर्मनी' अखबार की खबर के अनुसार घटना के समय दोषी यूसुफ टी, मोहम्मद बी और टोल्गा आई की उम्र 16 साल थी. तीनों लड़कों का जन्म जर्मनी में हुआ है. अधिकारियों ने विस्फोट को इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किया गया 'आतंकी हमला' बताया था.
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