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‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के 5 साल बाद कितना बदला अमेरिका? रंग देखकर हुई हत्या जिसने दुनिया को हिलाया था

George Floyd Death Anniversary: जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या को ठीक 5 साल आज पूरे हो गए हैं. उनको एक श्वेत अमेरिकी पुलिस अधिकारी ने मौत के घाट उतार दिया था और फिर शुरू हुआ था ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन.

‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के 5 साल बाद कितना बदला अमेरिका? रंग देखकर हुई हत्या जिसने दुनिया को हिलाया था
George Floyd Death Anniversary: जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या को ठीक 5 साल आज पूरे हो गए हैं.

आज से ठीक 5 साल पहले अमेरिका में एक ऐसी जघन्य हत्या हुई थी जिसने पूरी दुनिया को हिला दिया था. वजह थी कि उस इंसान को उसकी चमड़ी का रंग देखकर मौत के घाट उतारा गया था. जबकि खुद की चमड़ी के रंग पर घमंड करने वाले उस हत्यारे की ही जिम्मेदारी थी कि वह कानून-व्यवस्था बनाए रखे. इस हत्याकांड ने दुनिया के सबसे बड़े रंगभेद विरोधी आंदोलनों में से एक- ब्लैक लाइव्स मैटर को जन्म दिया था. हम बात कर रहे हैं  जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या (George Floyd Death Anniversary) की जिसे आज से 5 साल पहले एक अमेरिकी पुलिस अधिकारी ने अंजाम दिया का. लेकिन उस आंदोलन के बाद अमेरिका ने नस्लवाद के खिलाफ जो सुधार के कदम बढ़ाए थे, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा पद संभालने के बाद से अमेरिकी सरकार उनसे पीछे हटती दिख रही है.

25 मई, 2020 को फ्लॉयड की गिरफ्तारी के दौरान हत्या ने ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन को एक शक्तिशाली ताकत के रूप में लॉन्च करने में मदद की, जिसने पुलिस हिंसा से लेकर प्रणालीगत असमानता तक, अमेरिका के गहरे नस्लीय मुद्दों को हल करने की मांग की.

जब फ्लॉयड की हत्या हुई थी तब ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में अपना पहला कार्यकाल पूरा कर रहे थे और आज उसके 5 साल पूरे होने पर भी वहीं राष्ट्रपति हैं (जनवरी 2025 में दूसरा कार्यकाल पूरा हुआ). आज के वक्त में ट्रंप की सरकार ने नागरिक अधिकारों की जांच को बंद कर दिया है और नियुक्तियों में समाज के सभी वर्गों की प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने वाले पहलों (diversity hiring initiatives) पर रोक लगा दी है.

इस बीच, ब्लैक लाइव्स मैटर का आंदोलन खुद को उस समर्थन की कमी महसूस कर रहा है जो उसे तब मिला था जब प्रदर्शनकारी कोरोना महामारी के दौरान अमेरिकी शहरों में फैल गए थे- कई लोग अब इस बात से सहमत हैं कि आंदोलन में बहुत कम सार्थकता हासिल हुई है.

मिनियापोलिस के जॉर्ज फ्लॉयड स्क्वायर नाम के क्षेत्र में हत्या के 5 साल होने पर एक कार्यक्रम हो रहा है. यहीं पर 46 साल के जॉर्ज फ्लॉयड ने अपनी अंतिम सांस ली क्योंकि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने उनकी गर्दन पर चाकू मारा था.

जॉर्ज फ्लॉयड स्क्वायर पर फ्लॉयड को ऐसे याद किया जा रहा

जॉर्ज फ्लॉयड स्क्वायर पर फ्लॉयड को ऐसे याद किया जा रहा

जॉर्ज फ्लॉयड स्क्वायर उत्तरी अमेरिका के शहर, मिनियापोलिस के एक आवासीय हिस्से में एक छोटा सा जंक्शन है. यहां दिवारों पर विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें (ग्रेफिटी) बनी हुई हैं और बैंगनी रंग में लिखा है "आपने दुनिया बदल दी, जॉर्ज." (You Changed the World, George)

हालांकि, 2020 में तैयार हुआ यह आशावादी मेसेज अब उस राष्ट्रपति के साथ विरोधाभास में है, जिनके कट्टरपंथी वोटरों/ समर्थकों ने सुझाव दिया है कि वह पुलिस अधिकारी चाउविन को माफ कर दें, जिन्हें फ्लॉयड की हत्या का दोषी ठहराया गया था और 22 साल से अधिक जेल की सजा सुनाई गई थी.

कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि ट्रंप का फिर से राष्ट्रपति बनना कुछ हद तक ब्लैक लाइव्स मैटर के आंदोलन की खिलाफत थी, क्योंकि उसमें ऐसे विरोध प्रदर्शन भी शामिल थे जो कुछ शहरों में दंगों में बदल गए और उसमें पुलिस को मिलने वाले फंड रोकने की भी मांग की गई थी. 

फ्लॉयड की मौत पर प्रदर्शन के दौरान 28 मई, 2020 को मिनियापोलिस में भड़की हिंसा

फ्लॉयड की मौत पर प्रदर्शन के दौरान 28 मई, 2020 को मिनियापोलिस में भड़की हिंसा

फ्लॉयड के परिजनों ने शुक्रवार को मिनियापोलिस में न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि वे चाहते हैं कि लोग प्रतिकूल राजनीतिक माहौल के बावजूद सुधार के लिए प्रयास जारी रखें.

"हमें यह बताने के लिए किसी कार्यकारी आदेश की आवश्यकता नहीं है कि अश्वेत लोगों का जीवन मायने रखता है," उनकी चाची एंजेला हैरेलसन ने कहा. उन्होंने फ्लॉयड के फेस वाली गहरे रंग की टी-शर्ट पहनी थी.

जॉर्ज फ्लॉयड की चचेरी बहन, पेरिस स्टीवंस ने सहमति जताते हुए कहा, "अब कोई भी हमें चुप नहीं करा सकता."

- 'यादों में जिंदा रखें' -

फ्लॉयड के रिश्तेदारों ने, लगभग 50 अन्य लोगों के साथ, सड़क के किनारे उस स्थान पर पीले गुलाब रखें जहां फ्लॉयन की हत्या की गई थी और वहां का वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हुआ था. उससे पहले उन्होंने मौन भी रखा.

जॉर्ज फ्लॉयड की चाची एंजेला हैरेलसन (दाएं) लौरा स्टीवंस (सेंटर) और महलिया जोन्स के साथ

जॉर्ज फ्लॉयड की चाची एंजेला हैरेलसन (दाएं) लौरा स्टीवंस (सेंटर) और महलिया जोन्स के साथ

यह समाज के लिए चिंतन का क्षण था. रविवार को मोमबत्ती की रोशनी में रात भर जगा भी जगा जाएगा. इस विकेंड के दौरान संगीत, कला और डांस के जरिए फ्लॉयड को याद किया जाएगा.

फ्लॉयड की मृत्यु के बाद से हर साल उनको याद करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और इसकी थीम "द पीपुल हैव स्पोकन" होता है. हैरेलसन के अनुसार इस नाम का सुझाव नेल्सन मंडेला के पोते नकोसी ने दिया था जब उन्होंने जॉर्ज फ्लॉयड स्क्वायर का दौरा किया था. उन्होंने कहा कि थीम का यह नाम पांच साल के विरोध प्रदर्शन को प्रतिबिंबित करता है. उन्होंने कहा कि "भले ही यह थकाऊ है, हम आगे बढ़ते रहेंगे."

वहां आने वालों से अपेक्षा की जाती है कि वे पूरे विकेंड जॉर्ज फ्लॉयड को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. मिनियापोलिस की एक डॉक्टर जिल फोस्टर ने शुक्रवार को चौराहे पर एएफपी को बताया कि उन्हें लगता है कि फ्लॉयड की विरासत का सम्मान करना आंशिक रूप से राजनीतिक प्रतिरोध का एक रूप है.

66 साल के जिल फोस्टर ने कहा, "ट्रंप प्रशासन के तहत, सब कुछ फिर से लिखने और एक नई वास्तविकता बनाने की कोशिश की जा रही है." "हमें यादों को जिंदा रखना होगा और सूचनाओं का प्रवाह जारी रखना होगा."

इस बीच, फ्लॉयड की मौत के समय उनकी गर्लफ्रेंड रही कॉर्टनी रॉस के लिए साल का यह दिन पुराने घावों को उकेरने का काम करता है. काले कपड़े पहने और पीले गुलाबों का गुलदस्ता लिए 49 साल की रॉस ने एएफपी को बताया, "मुझे उसकी बहुत याद आती है, मुझे उसकी बहुत याद आती है." 

उन्होंने कहा, "सभी लोगों को बाहर आकर उसका (फ्लॉयड की यादों का) जश्न मनाते देखना खूबसूरत है."

"आप एक ऐसा एकीकरण देख रहे हैं जो आपको इस देश में हाल के दिनों में बहुत कुछ नहीं मिलता है. लोग उस व्यक्ति का जश्न मना रहे हैं, जिसे आप जानते हैं, उसने हमारे लिए अपना जीवन दे दिया."

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