विज्ञापन

इकनॉमी में भारत से पीछे गया जापान, अब जर्मनी की बारी- ग्राफ बता रहा नंबर 3 नहीं ज्यादा दूर

India Becomes World's Fourth Largest Economy: नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को कहा कि भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.

भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना

India Becomes Fourth Largest Economy: भारत आधिकारिक तौर पर जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. NITI आयोग के CEO बी वी आर सुब्रमण्यम ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के आंकड़ों के हवाले से शनिवार, 25 मई को यह बात कही. सुब्रमण्यम ने कहा, "केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही हैं, जो भारत से बड़े हैं और जो योजना बनाई गई है और जो सोचा जा रहा है, अगर उस पर हम कायम रहें, तो 2.5-3 सालों में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे."

चलिए यहां समझने की कोशिश करते हैं कि IMF के आंकड़ें क्या बता रहे हैं और कुल मिलाकर आर्थिक माहौल भारत के अनुकूल कैसे नजर आ रहा. साथ ही यह भी देखने की कोशिश करेंगे कि क्या GDP के आकार के हिसाब से ही चौथे पायदान पर पहुंच जाने से संतोष करना सही होगा या फिर प्रति व्यक्ति आय के मोर्चे पर भी काम करने की जरूरत है.

IMF के आंकड़ें क्या बता रहे हैं?

IMF का आंकड़ा दिखा रहा है कि भारत जल्द ही जर्मनी को भी पीछे छोड़कर अर्थव्यवस्था के आकार (GPD की तुलना करके) के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा. अप्रैल में छपी IMF की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की नॉमिनल जीडीपी लगभग 4,187.017 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. यह जापान की संभावित जीडीपी से थोड़ा अधिक है, जिसका अनुमान 4,186.431 बिलियन अमेरिकी डॉलर है.

वहीं अगर करेंट प्राइस (नॉमिनल) जीडीपी के आधार पर IMF के अभी के चार्ट को देखें तो साफ दिखता है कि भारत 2 से 2.5 साल में जर्मनी को पीछे छोड़ देगा. (IMF चार्ट नीचे देखें)

Latest and Breaking News on NDTV

 गौरतलब है कि 2024 तक भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था. लेकिन अब भारत आधिकारिक रूप से चौथे पायदान पर आ चुका है.

आर्थिक माहौल भारत के अनुकूल कैसे नजर आ रहा?

जनवरी 2025 में, IMF ने वित्त वर्ष 25 और 26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. वहीं RBI ने भी वित्त वर्ष 2025 के लिए GDP ग्रोथ रेट 6.5% रहने का अनुमान लगाया है. इस आशावादी अनुमान का श्रेय विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े हुए घरेलू खर्च को दिया जाता है, जो उच्च कृषि आय और सरकारी सहायता कार्यक्रमों से प्रेरित है.  2025 की शुरुआत में विश्व की जीडीपी रैंकिंग में भारत 5वें स्थान पर था लेकिन अब वो आधिकारिक रूप से चौथे स्थान पर आ गया है. देश की अर्थव्यवस्था विविध है और तेजी से बढ़ रही है, जो सूचना प्रौद्योगिकी, सेवाओं, कृषि और विनिर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों द्वारा संचालित है. वहीं दूसरी ओर जर्मनी को देखें तो वह विकसित अर्थव्यवस्था है और वहां GDP में भारत जैसा ग्रोथ लाना संभव नहीं है.

क्या सिर्फ GDP ग्रोथ ही काफी?

भारतीय अर्थव्यवस्था तीव्र गति से विस्तार करते हुए अब विश्व स्तर पर टॉप चार सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. हालांकि इसके बावजूद, यह आसपास के दूसरे देशों के विपरित प्रति व्यक्ति आय के मोर्चे पर जूझ रहा है. भारत की जीडीपी बड़ी है लेकिन इसकी आबादी उससे भी बड़ी है. इस वजह से प्रति व्यक्ति जीडीपी (GDP per capita) के मोर्चे पर देश अभी भी पीछे है. भारत प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान से कहीं नीचे है. आप नीचे दिए वर्ल्ड बैंक के ग्राफ में यह साफ देख सकते हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

लेकिन यहां भी भारत के लिए एक अच्छा संकेत है. भले ही पर्चेजिंग पावर पैरिटी (PPP) पर आधारित भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी टॉप पांच अर्थव्यवस्थाओं से काफी नीचे है, लेकिन देश ने हाल के दशकों में अंतर को कम कर दिया है. 1990 और 2023 के बीच भारत की औसत प्रति व्यक्ति जीडीपी में 6.7 प्रतिशत की तेजी देखी गई है. जबकि जर्मनी में 3.9 प्रतिशत, जापान में 2.8 प्रतिशत और अमेरिका में यह तेजी 3.8 प्रतिशत की ही थी. केवल चीन 10.3 प्रतिशत की तेजी से भारत से भी तेज आगे बढ़ा है.

यह भी पढ़ें: भारत जापान को पीछे छोड़ चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना: नीति आयोग सीईओ सुब्रह्मण्यम

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com