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This Article is From Nov 22, 2015

नेपाल में फिर भारी हिंसा, पुलिस गोलीबारी में चार मधेसियों की मौत

नेपाल में फिर भारी हिंसा, पुलिस गोलीबारी में चार मधेसियों की मौत
पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की
काठमांडू: नेपाल में नए संविधान का विरोध कर रहे और तराई क्षेत्र में एक प्रमुख राजमार्ग को रोके हुए भारतीय मूल के चार मधेसियों की नेपाल पुलिस की गोलीबारी में मौत हो गई। देश में हिंसा फिर से लौट रही है और वहां पहले से ही जरूरी वस्तुओं की किल्लत है।

आंदोलनकारी ज्वाइंट डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट ने दावा किया कि शनिवार देर रात सपतारी में पुलिस गोलीबारी में उसके चार कार्यकर्ता मारे गए और कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। मधेसी नीत आंदोलन रविवार को 100वें दिन में प्रवेश कर गया। हालांकि पुलिस ने दो लोगों के ही मारे जाने की पुष्टि की है।

मधेसी राजधानी से करीब 280 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में सपतारी जिले में देश के प्रमुख पूर्व-पश्चिम राजमार्ग पर बंद में शामिल हैं। लोगों की मौत के बाद अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस ने कहा कि करीब 2500 लोगों ने पेट्रोल बमों और ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने गोलीबारी की। पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की।

सपतारी के जिला पुलिस कार्यालय प्रमुख भीम ढाकल ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया जिससे संघर्ष भड़क गया। ढाकल ने कहा, हमें प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा क्योंकि उन्होंने देसी हथियारों से सुरक्षाकर्मियों पर अंधाधुंध हमला शुरू कर दिया था। नेपाल ने भारत पर प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने और उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। नई दिल्ली ने इस आरोप को खारिज कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मलेशिया यात्रा पर गए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने नए सिरे से हिंसा पर चिंता जताते हुए ट्वीट किया कि सपतारी में पुलिस गोलीबारी में लोगों की जान जाने से भारत दुखी है।

उन्होंने कहा कि नए संविधान को लेकर उभरे मतभेदों को सुलझाने के लिए राजनीतिक समाधान जरूरी है। इस वर्ष 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद नेपाल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा था, तभी मधेशियों के अवरोधों ने उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मधेशी सरकार में आनुपातिक प्रतिनिधित्व, जनसंख्या के आधार पर संसदीय सीटों का आवंटन और संघीय प्रांतों के पुन:परिसीमन की मांग कर रहे हैं।

मधेशियों और स्वदेशी जातीय समूहों सहित नौ राजनीतिक दलों के गठबंधन फेडरल एलायंस ने अधिक अधिकारों और प्रतिनिधित्व की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए सोमवार से देश के विभिन्न हिस्सों में एक महीने लंबा प्रदर्शन कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है।

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