- इस्तानबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता जारी होने के बावजूद सीमा पर झड़पें हो रही हैं.
- पाकिस्तान सेना का कहना है कि हालिया झड़प में अफगानिस्तान ने उसके पांच सैनिकों को मार दिया है.
- पाकिस्तान मिलिट्री ने 25 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया है जो सीमा पर संघर्ष में शामिल थे.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तुर्की की राजधानी इस्तानबुल में शांति वार्ता जारी है. लेकिन इससे अलग बॉर्डर पर दोनों देश आपस में जूझ रहे हैं. पाकिस्तान सेना का दावा है कि ताजा झड़प में अफगानिस्तान ने उसके पांच सैनिकों को मारा है. जबकि पाकिस्तान मिलिट्री ने 25 आतंकियों को मारने की बात कही है. दिलचस्प बात है कि जिस समय इस्तानबुल में शांति वार्ता जारी थी, उसी समय बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच झड़प जारी थी.
क्या कहा पाकिस्तान की सेना ने
पाकिस्तान की सेना के मीडिया विंग आईएसपीआर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब अफगान और पाकिस्तानी अधिकारी हाल ही में हुए युद्धविराम समझौते के बीच इस्तानबुल में मुलाकात कर रहे हैं. इस महीने दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई पिछली झड़पें साल 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से सबसे भीषण सीमा हिंसा का रूप थीं.'
हमले के समय पर सवाल उठाते हुए पाकिस्तानी सेना ने कहा, 'यह खास बात है कि फितना अल खवारिज की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें ऐसे समय में हो रही हैं जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल तुर्की में बातचीत में शामिल हैं. यह स्थिति अंतरिम अफगान सरकार के उन इरादों पर सवाल उठाती है जो उसकी जमीन से पैदा हो रहे आतंकवाद के मुद्दे को संबोधित करने से संबंधित हैं.'
ख्वाजा आसिफ ने दी है धमकी
आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा, 'पाकिस्तान लगातार अंतरिम अफगान सरकार से यह आग्रह करता रहा है कि वह अपनी सीमा के भीतर प्रभावी सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करे. साथ ही, उससे उम्मीद की जाती है कि वह दोहा समझौते के तहत अपने दायित्वों को पूरा करे और खवारिज को पाकिस्तान के खिलाफ अफगान जमीन का प्रयोग करने से रोके,' बयान में आगे कहा गया. आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी थी कि अगर तुर्की में जारी शांति वार्ता असफल हुई तो फिर दोनों देशों के बीच एक खुला युद्ध हो जाएगा.
कतर और तुर्की का वार्ता में रोल
इस्तानबुल में हो रही ये वार्ता 18–19 अक्टूबर को दोहा में हुई पहली दौर की बातचीत के बाद आयोजित की गई हैं जिन्हें कतर और तुर्की की मदद से आयोजित किया जा रहा है. इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान अफगानिस्तान के बीच हुई झड़प साल 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से सबसे गंभीर करार दी गई थी.
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