पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को 19 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखने का आदेश दिया. जरदारी को फर्जी बैंक खातों के एक मामले में रिमांड पर भेजा गया है.
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, जरदारी को न्यायाधीश मोहम्मद बशीर के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया. इससे पहले राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अभियोग पक्ष के वकील मुजफ्फर अब्बासी ने अदालत को बताया कि इस मामले में अब तेजी आई है. उन्होंने पीपीपी नेता की रिमांड को आगे बढ़ाने की मांग की.
जरदारी पर आरोप है कि उन्होंने 29 बैंक खातों के जरिए 4.3 अरब पाकिस्तानी रुपये (लगभग 2.80 करोड़ डॉलर) का घोटाला किया है.
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इस दौरान जरदारी ने आरोपों का खंडन करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा शुरू कराई गई जांच को राजनीति से प्रेरित बताया.
जरदारी ने सवाल किया कि अदालत की अनुमति के बावजूद उन्हें उनकी बेटी आसीफा भुट्टो जरदारी से मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है. इसके बाद अदालत ने उन्हें अपनी बेटी से मिलने देने का निर्देश दिया.
जरदारी के वकील लतीफ खोसा ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति की कानूनी टीम को सप्ताह में दो बार उनसे मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए.
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खोसा ने अदालत में एक याचिका दायर करते हुए जरदारी को जेल में चिकित्सा सुविधाओं के साथ ही ए-श्रेणी की सुविधाएं देने की बात कही.
जरदारी की बहन फरयाल तालपुर को इस साल की शुरुआत में मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी अकाउंट्स मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद पिछले रविवार को अदियाला जेल भेज दिया गया था.
VIDEO: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी गिरफ़्तार
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