कराची:
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिन्दू लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। यह सामने आया है पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट में। रिपोर्ट के अनुसार सिंध में हर महीने करीब 20 से 25 लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। आयोग ने संवाददाताओं को बताया कि ऐसा करने वाले कानून में खामी का फायदा उठा रहे हैं।
आयोग ने अधिकारियों से अपील भी की कि वे इस ओर ध्यान दें। आयोग की तरफ से अमरनाथ मोतूमेल ने कहा कि यह धर्म परिवर्तन पिछले 20 महीनों में हुए हैं। इसमें नाबालिग लड़कियों से लेकर विवाहित महिलाएं तक शामिल हैं। हाल ही में 18 वर्षीय रिंकल कुमारी के जबरदस्ती धर्म परिवर्तन का मामला उजागर होने के बाद यह मुद्दा सामने आया है।
रिंकल के परिवार का कहना है कि उसे अपहृत किया गया आरै फिर उसका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन किया गया। मोतुमेल ने यह भी कहा कि जब हिन्दू लड़कियां इन मामलों की शिकायत को लेकर कोर्ट में पहुंचती हैं, तो भारी संख्या में विशेष धर्म के समर्थक वहां पहुंचते हैं और दबाव बनाते हैं। इस कांफ्रेंस के दौरान रिंकल कुमारी के परिजन भी मौजूद थे, जिसमें उसके भाई इंदर ने कहा कि यदि रिंकल अपने परिवार से मिल पाती, तो कभी धर्म परिवर्तन नहीं करती।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद भी कुछ नहीं किया गया है। आयोग के अधिकारी प्रो-बदर सूमरो ने कहा कि इलाके में हिन्दू समूदाय के लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नए कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई लड़की अपहृत होती है और उसके परिजन रिपोर्ट लिखवाते हैं, तो अदालत में पेश होने से पहले लड़की को एक महीने तक दारूल अमन में रखा जाना चाहिए।
आयोग ने अधिकारियों से अपील भी की कि वे इस ओर ध्यान दें। आयोग की तरफ से अमरनाथ मोतूमेल ने कहा कि यह धर्म परिवर्तन पिछले 20 महीनों में हुए हैं। इसमें नाबालिग लड़कियों से लेकर विवाहित महिलाएं तक शामिल हैं। हाल ही में 18 वर्षीय रिंकल कुमारी के जबरदस्ती धर्म परिवर्तन का मामला उजागर होने के बाद यह मुद्दा सामने आया है।
रिंकल के परिवार का कहना है कि उसे अपहृत किया गया आरै फिर उसका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन किया गया। मोतुमेल ने यह भी कहा कि जब हिन्दू लड़कियां इन मामलों की शिकायत को लेकर कोर्ट में पहुंचती हैं, तो भारी संख्या में विशेष धर्म के समर्थक वहां पहुंचते हैं और दबाव बनाते हैं। इस कांफ्रेंस के दौरान रिंकल कुमारी के परिजन भी मौजूद थे, जिसमें उसके भाई इंदर ने कहा कि यदि रिंकल अपने परिवार से मिल पाती, तो कभी धर्म परिवर्तन नहीं करती।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद भी कुछ नहीं किया गया है। आयोग के अधिकारी प्रो-बदर सूमरो ने कहा कि इलाके में हिन्दू समूदाय के लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नए कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई लड़की अपहृत होती है और उसके परिजन रिपोर्ट लिखवाते हैं, तो अदालत में पेश होने से पहले लड़की को एक महीने तक दारूल अमन में रखा जाना चाहिए।
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