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This Article is From Nov 25, 2020

फुटबॉल दिग्गज डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन

खेल के सबसे महान खिलाड़ियों में एक में शुमार किए जाने वाले माराडोना ने साल 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत में अहम भूमिका निभायी थी और इसी खिताबी जीत ने उन्हें दुनिया भर के बच्चे-बच्चे के बीच लोकप्रिय बना दिया था. अर्जेंटीना फुटबॉल एसोसिएशन ने जारी बयान में कहा कि हमारे लीजेंड खिलाड़ी के निधन की खबर सबसे बड़ा दुख है. आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे.

फुटबॉल दिग्गज डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन
डिएगो माराडोना फुटबॉल इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में एक गिन गए
नई दिल्ली:

खेल की दुनिया से बहुत ही बड़ी और दुखद खबर आ रही है. महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. इसी महीने की शुरुआत में उनकी ब्रेन सर्जरी करायी गयी थी. उनके दिमाग में खून के थक्के मिले थे. तब यह कहा गया था कि उनकी शराब की लत छुड़ाने का इलाज करवाया गया है. खेल के सबसे महान खिलाड़ियों में एक में शुमार किए जाने वाले माराडोना ने साल 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत में अहम भूमिका निभायी थी और इसी खिताबी जीत ने उन्हें दुनिया भर के बच्चे-बच्चे के बीच लोकप्रिय बना दिया था. अर्जेंटीना फुटबॉल एसोसिएशन ने जारी बयान में कहा कि हमारे लीजेंड खिलाड़ी के निधन की खबर सबसे बड़ा दुख है. आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे. 

अपने क्लब करियर में मारोडना बार्सिलोना और नैपोली के लिए खेले और दो सीरीए खिताब भी अपने क्लब को दिलाए, तो वहीं माराडोनाने अर्जेंटीना के लिे 91 मैचों में 34 गोल गिए और चार विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया और कई ऐसे बेहतरीन प्रदर्शन और सर्वकालिक बेहतरीन गोल किए, जिनकी मिसाल हमेशा आनी वाली पीढ़ी को दी जाएगी. कई ऐसे गोल रहे, जिन्हें देखकर दुनिया भर ने दांत तले उंगली दबा ली.  माराडोना ने साल 1990 में विश्व कप फाइनल में भी अर्जेंटीना का नेतृत्व किया, जहां उनके देश को पश्चिम जर्मनी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, तो साल 1994 में फिर से अमरीका में भी अर्जेंटीना की कप्तानी की, लेकिन ड्रग टेस्ट में फेल होने के बाद उन्हें वापस घर लौटना पड़ा था. 

अपने करियर को दूसरे हॉफ में मारोडोना को कोकीन की लत के साथ खासा संघर्ष करना पड़ा और साल 1991 में उन्हें इसका सेवन का दोषी पाए जाने के बाद माराडोना पर 15 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था. मारोडना ने साल 1997 में पेशेवर फुटबॉल को 37 साल की उम्र में अलविदा कह दिया था. साल 2008 में इस दिग्गज खिलाड़ी को राष्ट्रीय टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया. साल 2010 विश्व कप के बाद मारोडना ने यह पद छोड़ दिया था, जब अर्जेंटीना को क्वार्टरफाइनल में जर्मनी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.  इसे बाद मारोडोना संयुक्त अरब अमीरात और मेक्सिको टीम के कोच रहे.

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