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पहले चैकिंग की, फिर सुनीता विलियम्‍स के कैप्‍सूल को रस्‍सी से बांधा... कौन है ये लड़की?

अंतरिक्ष से आने वाले कैप्सूल की सबसे पहले ऊपर चढ़कर उसकी अच्छे से चैकिंग की जाती है. यह देखा जाता है कि कैप्सूल के अंदर सभी अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं या नहीं सभी सुरक्षित हैं या नहीं?

अंतरिक्ष से आने वाले कैप्सूल की सबसे पहले ऊपर चढ़कर उसकी अच्छे से चैकिंग की जाती है

फ्लोरिडा:

सुनीता विलियम्‍स और अन्‍य एस्‍ट्रोनॉट्स को धरती पर सुरक्षित लाने वाले कैप्‍सूल ने जैसे ही समुद्र में स्‍प्‍लैशडान किया, वैसे ही स्पेसएक्स की रिकवरी टीमें साइट पर पहुंच गई. ये टीम छोटी बॉट्स में पहुंची थी. इन बॉट्स में से एक कैप्‍सूल के बिल्‍कुल नजदीज पहुंची और इसमें से एक लड़की कैप्‍सूल की चैकिंग करने के लिए उस पर चढ़ गई. स्पेसएक्स टीम की इस महिला अधिकारी का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह समुद्र में छलांग लगाते हुए नजर आ रही हैं. हालांकि, नासा की ओर से यह जानकारी नहीं दी गई कि ये महिला अधिकारी कौन थी?   

अंतरिक्ष से आने वाले कैप्सूल की सबसे पहले ऊपर चढ़कर उसकी अच्छे से चैकिंग की जाती है. यह देखा जाता है कि कैप्सूल के अंदर सभी अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं या नहीं सभी सुरक्षित हैं या नहीं? अंतरिक्ष विज्ञान का भाषा में इस प्रक्रिया को रिगिंग कहा जाता है. कैप्सूल के समंदर में उतरने के करीब 10 मिनट तक कैप्सूल का सिक्यॉरिटी चेक किया जाता है. कैप्सूल को सीधे नहीं खोला जाता है. ऐसा अंदर और बाहर के तापमान को एक लेवल पर आने के लिए भी किया जाता है. कैप्सूल जब धरती के वातावरण में घुसता है, तो वह गर्मी से बिल्कुल लाल हो जाता है. इसलिए समंदर में उतरने के बाद भी उसके तापमान के सामान्य होने का इंतजार किया जाता है.

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सुनीता विलियम्‍स को अन्‍य एस्‍ट्रोनॉट्स को लाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के कैप्‍सूल को करीब आधे घंटे तक जांचा गया. एक कर्मचारी ने कैप्सूल के ऊपर चढ़कर उसकी अच्छे से जांच की. करीब आधे घंटे से ज्यादा चले सेफ्टी चेक के बाद का वह लम्हा आया, जब अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकाला गया. कैप्सूल को रिकवरी वैसेल के अंदर लाया गया. रिकवरी वैसेल की हाइड्रोलिक आर्म के जरिए कैप्सूल को समंदर से उठाकर पास लाया गया. रिकवरी वैसल में उठाकर अंतरिक्ष यात्रियों को निकाला जाएगा.

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कैप्सूल के समंदर में उतरने के बाद करीब 40 मिनट तक उसकी सेफ्टी जांच चलती रही. इसके बाद कैप्सूल के दरवाजे यानी हैच को खोला गया. फिर एक एक कर यात्री बाहर आए. यात्रियों के अंतरिक्ष में जाने से लेकर उनके उतरने तक की प्रक्रिया कितनी पेचीदा होती है, मिशन के आखिरी लम्हे बताते हैं. जांच का सिलसिला चलता रहा और कैप्सूल के अंदर एक रिकवरी टीम का सदस्य दाखिल हुआ. इसके बाद एक फ्रेम दरवाजे पर लगाया गया. अंतरिक्ष के इस मिशन में कितने सब्र की जरूरत होती है, यह भी इस मिशन का आखिरी पल बताता है. समंदर में चारों अंतरिक्ष यात्रियों के लैंड होने के करीब एक घंटे तक वे कैप्सूल से बाहर नहीं आते हैं. 

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बता दें कि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर, साथ ही नासा के निक हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव, 9 महीने के लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर वापस लौट आए हैं. एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा सुरक्षित रूप से फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया. मूल रूप से, यह मिशन (जो बोइंग के स्टारलाइनर की पहली चालक दल वाली उड़ान होने वाला था) केवल आठ दिनों तक चलने वाला था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उन्‍हें लंबे समय तक स्‍पेस सेंटर में फंसे रहना पड़ा. 

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