फेसबुक ने दुनिया के अपने इस सबसे बड़े सोशल नेटवर्क पर झूठी, गलत खबरों से निपटने के लिए एक नए फीचर को जोड़ने की घोषणा की है. इस नए फीचर के जरिये वह अपने प्लेटफॉर्म पर गलत खबरों को फैलने से रोकेगा. दरअसल हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान इस नेटवर्क का इस्तेमाल कई गलत खबरों को फैलाने के लिए किया गया. कई यूजरों ने इस तरह की गलत खबरों को लेकर शिकायत की और इसके चलते फेसबुक को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा. उसी कड़ी में फेसबुक की नई घोषणा को जोड़कर देखा जा रहा है. इसके तहत फेसबुक ऐसे परिवर्तन करने जा रहा है जिसके तहत इस तरह की खबरों को उसके प्लेटफॉर्म पर जगह मिलने से रोका जा सके.
इसके तहत फेसबुक ने गुरुवार से ऐसे प्रयोग शुरू किए हैं जिससे इस तरह की गलत सूचनाओं को रोका जा सके. ये टेस्ट इसलिए किए जा रहे हैं ताकि इसके 1.8 अरब सदस्य इस तरह की गलत सूचनाओं को पहचान सकें. इसके लिए बाहर के ऐसे संगठनों के साथ साझेदारी के बारे में भी विचार कर रही है ताकि वे गलत आर्टिकल की पहचान कर उसके बारे में बता सकें.
इसके साथ ही फेसबुक अपने सोशल नेटवर्क पर एक नए विकल्प को भी जोड़ रही है जिसमें यह बताया जाएगा कि यह झूठी खबर है. अभी तक यह स्पैम या इस तरह के भ्रामक कंटेंट के बारे में उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ ही विवादित स्टोरीज के संबंध में भी एक लेबल शुरू किया है जिसमें यह बताया गया है कि इससे संबंधित सही तथ्यों के लिए इसे ऐसे विश्वसनीय संगठनों के पास भेजा जा रहा है.
दरअसल आठ नवंबर को संपन्न हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले फेसबुक यूजर्स ने अपने न्यूज फीड में इस तरह की कई खबरें देखी थीं. उसमें कुछ में कहा गया था कि पोप फ्रांसिस ने ट्रंप का समर्थन किया और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन द्वारा निजी सर्वर से की गई मेलों के मामले की जांच कर रहा फेडरल एजेंट मृत पाया गया. माना जा रहा है कि अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिहाज से इस तरह की गलत खबरें प्रकाशित की गईं.
इसके तहत फेसबुक ने गुरुवार से ऐसे प्रयोग शुरू किए हैं जिससे इस तरह की गलत सूचनाओं को रोका जा सके. ये टेस्ट इसलिए किए जा रहे हैं ताकि इसके 1.8 अरब सदस्य इस तरह की गलत सूचनाओं को पहचान सकें. इसके लिए बाहर के ऐसे संगठनों के साथ साझेदारी के बारे में भी विचार कर रही है ताकि वे गलत आर्टिकल की पहचान कर उसके बारे में बता सकें.
इसके साथ ही फेसबुक अपने सोशल नेटवर्क पर एक नए विकल्प को भी जोड़ रही है जिसमें यह बताया जाएगा कि यह झूठी खबर है. अभी तक यह स्पैम या इस तरह के भ्रामक कंटेंट के बारे में उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ ही विवादित स्टोरीज के संबंध में भी एक लेबल शुरू किया है जिसमें यह बताया गया है कि इससे संबंधित सही तथ्यों के लिए इसे ऐसे विश्वसनीय संगठनों के पास भेजा जा रहा है.
दरअसल आठ नवंबर को संपन्न हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले फेसबुक यूजर्स ने अपने न्यूज फीड में इस तरह की कई खबरें देखी थीं. उसमें कुछ में कहा गया था कि पोप फ्रांसिस ने ट्रंप का समर्थन किया और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन द्वारा निजी सर्वर से की गई मेलों के मामले की जांच कर रहा फेडरल एजेंट मृत पाया गया. माना जा रहा है कि अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिहाज से इस तरह की गलत खबरें प्रकाशित की गईं.
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