अमेरिका-भारत (US-India) के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों के बीच हाल ही में हुई चौथी 2+2 वार्ता में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के क्वाड (QUAD) पर भी प्राथमिकता से चर्चा हुई. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद इस समूह में से भारत को छोड़कर बाकी तीनों ने रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. अगर चीन (China) को ध्यान में रखा जाए तो क्वाड समूह हिंद-प्रशांत( Indo-Pacific) क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण समूह है. यूक्रेन युद्ध से बने वैश्विक तनाव के दौरान भी क्वाड समूह की ताकत ने भारत को अपना पक्ष मजबूत रखने में मदद की है. क्वाड समूह ने भारत-अमेरिका को एक साथ बांधे रखने में भी मदद की है. NDTV ने अमेरिका (US) के वॉशिंटगटन डीसी (Washington DC) में मौजूद भारत-अमेरिका संबंधों और एशिया एक्सपर्ट (India-US relations & Asia Expert) आत्मन त्रिवेदी (Atman Trivedi) से बात की जो वैश्विक रणनीतिक और व्यवसायिक सलाहकार कंपनी अल्ब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप (Albright Stonebridge Group) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और को-लीड हैं. हमने उनसे पूछा कि आप क्वाड के भविष्य को कैसे देखते हैं, और क्वाड कैसे अपने आप को मजबूत करेगा साथ ही हमने यह भी पूछा कि कैसे क्वाड हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) में चीन (China) को थाम सकता है?
आत्मन त्रिवेदी कहते हैं, "क्वाड समूह ने भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने का काम किया है, चाहे वो इंडो-पैसेफिक में चीन की चुनौती का सामना करना हो या यूक्रेन मामले पर एक-दूसरे के बारे में बयान देने से पहले गंभीर विचार करना हो."
आत्मन ने ज़ोर दिया कि अमेरिका में लगातार दो सरकारों ने क्वाड को मजूबत करने में बड़ी भूमिका निभाई है. वह कहते हैं, "मुझे क्वाड के भविष्य के बारे में पूरी उम्मीद है. रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक, लगातार दोनों ही सरकारों ने क्वाड को तवज्जो दी है. इसके केंद्र में भारत है. मुझे दिखता है कि इंडो-पैसिफिक में ये चारों लोकतांत्रिक देश एकजुट होकर कर सप्लाई चेन को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. क्वाड चीन के साथ प्रभावी प्रतियोगिता कर रहा है. हालांकि क्वाड चीन के खिलाफ नहीं है. यह कोई सैन्य गठबंधन नहीं है, लेकिन फिर भी क्वाड में चीन की काफी चर्चा होती है."
आत्मन ने चीन की बढ़ती आक्रामकता को ध्यान में रखते हुए कहा, " सभी समझते हैं कि इस क्षेत्र में चीन आक्रामक हुआ है. अमेरिका चुपचाप भारत की मदद करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका ने हिमालयी क्षेत्र में चीन के साथ बने तनाव के दौरान भारत की मदद की. अमेरिका भारत की ऐसे मदद करना जारी रखेगा जैसे रूस पर कभी भी नहीं कर सकता."
साथ ही उन्होने कहा कि भारत-चीन संबंधों की बात आती है तो वॉशिंगटन में हम जो लोग भारत-अमेरिका के अच्छे संबंधों के पक्षकार हैं, हम समझते हैं कि भारत के लिए रूस को न्यूट्रल रखना की क्यों ज़रूरत है.लेकिन भारत की ज़रूरत के समय मदद के लिए रूस नहीं आएगा. ज़रूरत के समय भारत की मदद के लिए अमेरिका आएगा, मदद के लिए क्वाड के सहयोगी लोकतांत्रिक देश ही आएंगे. इसीलिए भारत के भविष्य के लिए क्वाड बेहद ज़रूरी है. साथ ही एशिया में अमेरिका की भूमिका के लिए क्वाड ज़रूरी है. और यह अमेरिका की रणनीती , हमारी महत्वकांक्षाओं को एक साथ बढ़ाने का वाहन है. इस वजह से मैं क्वाड को लेकर आशान्वित हूं. इन देशों के बीच कुछ अंतरों के होते हुए भी जो विभिन्न इतिहास, भूगोल की वजह से हैं, ऐसा बहुत कुछ है कि जो क्वाड को एक-साथ रखता है. क्वाड बेहद ज़रूरी है. साथ ही चीन ना चाहते हुए भी क्वाड सदस्य देशों को बांधने का काम कर रहा है.
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