इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में कराची में शांति नहीं स्थापित कर सकी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी सरकार इसमें कामयाब नहीं हो पाई।
पाकिस्तानी संसद के निचले सदन, नेशनल असेम्बली के भंग होने से कुछ समय पहले प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत में मलिक ने कहा, हमारी सरकार कराची को छोड़कर अन्य स्थानों पर शांति लाने में कामयाब रही, लेकिन यह भी सच है कि पहले की किसी भी सरकार को इसमें कामयाबी नहीं मिली थी।
तालिबान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि चाहे पाकिस्तानी तालिबान हों या अफगानिस्तानी, ये शांति प्रक्रिया को लेकर गंभीर नहीं हैं। दोनों का एजेंडा तथा सोच समान है और वे सरकार के साथ बातचीत को लेकर गंभीर नहीं हैं।
पाकिस्तानी संसद के निचले सदन, नेशनल असेम्बली के भंग होने से कुछ समय पहले प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत में मलिक ने कहा, हमारी सरकार कराची को छोड़कर अन्य स्थानों पर शांति लाने में कामयाब रही, लेकिन यह भी सच है कि पहले की किसी भी सरकार को इसमें कामयाबी नहीं मिली थी।
तालिबान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि चाहे पाकिस्तानी तालिबान हों या अफगानिस्तानी, ये शांति प्रक्रिया को लेकर गंभीर नहीं हैं। दोनों का एजेंडा तथा सोच समान है और वे सरकार के साथ बातचीत को लेकर गंभीर नहीं हैं।
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