वॉशिंगटन:
अमेरिका के न्याय विभाग ने गोपनीय इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कार्यक्रमों के बारे में खुफिया जानकारी लीक करने के मामले की आपराधिक जांच शुरू कर दी है।
इन गोपनीय इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कार्यक्रमों के तहत अमेरिकी नागरिकों के फोन कॉल और अमेरिका के बाहर विदेशियों के इंटरनेट इस्तेमाल संबंधी जानकारी एकत्र की जाती है।
न्याय विभाग की प्रवक्ता नंदा चित्रे ने कहा, ‘‘अधिकृत पहुंच वाले एक व्यक्ति द्वारा गोपनीय सूचना के बारे में अनधिकृत खुलासा किए जाने के मामले में न्याय विभाग की जांच प्रारंभिक चरण पर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विभाग की पुरानी नीति एवं प्रक्रिया का पालन करते हुए और ईमानदार जांच के लिए हमें इस बारे में और टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।’’
अमेरिका की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब कुछ ही घंटों पहले ब्रिटेन के समाचारपत्र ‘द गार्जियन’ ने 29 वर्षीय एड्वर्ड स्नोडेन के साथ वीडियो साक्षात्कार जारी किया था। स्नोडेन ने अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) की खुफिया कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी लीक करने की जिम्मेदारी ली है।
उसने समाचारपत्र से कहा, ‘‘मैं ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहता, जहां मैं जो भी करता हूं या कहता हूं वह रिकॉर्ड किया जाता है।’’
स्नोडेन ने कहा कि उसने जानकारियां इसलिए लीक की हैं क्योंकि वह एजेंसी की निगरानी कार्यप्रणाली से असहमत है। समाचार-पत्र के अनुसार स्नोडेन सीआईए का पूर्व तकनीकी सहायक है और एनएसए के लिए पिछले चार वर्षों से काम कर रहा है। वह अभी हांगकांग में है।
एजेंसी के निदेशक के कार्यालय ने कल कहा था कि अभी इस बात का पता लगाया जा रहा है कि स्नोडेन के खुफिया जानकारी लीक करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को कितना खतरा हुआ है।
कार्यालय में सार्वजनिक मामलों के निदेशक शॉन टर्नर ने कहा, ‘‘हमने ‘द गार्जियन’ की ताज़ा रिपोर्ट देखी है जिसमें एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया गया है जिसने अति गोपनीय खुफिया कार्यक्रमों के बारे में हाल के दिनों में जानकारियों का खुलासा करने का दावा किया है।’’
स्नोडेन ने अपने साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं केवल एक ही काम कर सकता हूं कि मैं यहां बैठकर उम्मीद करूं कि हांगकांग सरकार मुझे देश से बाहर न भेजे।’’ इस बीच रिपब्लिकन पार्टी के सांसद पीटर किंग ने कहा, ‘‘अमेरिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई सरकार उसे (स्नोडेन को) शरण न दे।’’
स्नोडेन ने ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ को दिए एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा पारदर्शिता के अपने वादे को पूरा नहीं कर पाए। उसने द पोस्ट को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘मेरा एकमात्र मकसद लोगों को यह जानकारी देना है कि उनके नाम पर क्या किया गया है और उनके खिलाफ क्या किया गया है।’’ उसने पत्र के साथ लीक किया गया पहला दस्तावेज़ भी भेजा।
इन गोपनीय इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कार्यक्रमों के तहत अमेरिकी नागरिकों के फोन कॉल और अमेरिका के बाहर विदेशियों के इंटरनेट इस्तेमाल संबंधी जानकारी एकत्र की जाती है।
न्याय विभाग की प्रवक्ता नंदा चित्रे ने कहा, ‘‘अधिकृत पहुंच वाले एक व्यक्ति द्वारा गोपनीय सूचना के बारे में अनधिकृत खुलासा किए जाने के मामले में न्याय विभाग की जांच प्रारंभिक चरण पर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विभाग की पुरानी नीति एवं प्रक्रिया का पालन करते हुए और ईमानदार जांच के लिए हमें इस बारे में और टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।’’
अमेरिका की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब कुछ ही घंटों पहले ब्रिटेन के समाचारपत्र ‘द गार्जियन’ ने 29 वर्षीय एड्वर्ड स्नोडेन के साथ वीडियो साक्षात्कार जारी किया था। स्नोडेन ने अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) की खुफिया कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी लीक करने की जिम्मेदारी ली है।
उसने समाचारपत्र से कहा, ‘‘मैं ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहता, जहां मैं जो भी करता हूं या कहता हूं वह रिकॉर्ड किया जाता है।’’
स्नोडेन ने कहा कि उसने जानकारियां इसलिए लीक की हैं क्योंकि वह एजेंसी की निगरानी कार्यप्रणाली से असहमत है। समाचार-पत्र के अनुसार स्नोडेन सीआईए का पूर्व तकनीकी सहायक है और एनएसए के लिए पिछले चार वर्षों से काम कर रहा है। वह अभी हांगकांग में है।
एजेंसी के निदेशक के कार्यालय ने कल कहा था कि अभी इस बात का पता लगाया जा रहा है कि स्नोडेन के खुफिया जानकारी लीक करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को कितना खतरा हुआ है।
कार्यालय में सार्वजनिक मामलों के निदेशक शॉन टर्नर ने कहा, ‘‘हमने ‘द गार्जियन’ की ताज़ा रिपोर्ट देखी है जिसमें एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया गया है जिसने अति गोपनीय खुफिया कार्यक्रमों के बारे में हाल के दिनों में जानकारियों का खुलासा करने का दावा किया है।’’
स्नोडेन ने अपने साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं केवल एक ही काम कर सकता हूं कि मैं यहां बैठकर उम्मीद करूं कि हांगकांग सरकार मुझे देश से बाहर न भेजे।’’ इस बीच रिपब्लिकन पार्टी के सांसद पीटर किंग ने कहा, ‘‘अमेरिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई सरकार उसे (स्नोडेन को) शरण न दे।’’
स्नोडेन ने ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ को दिए एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा पारदर्शिता के अपने वादे को पूरा नहीं कर पाए। उसने द पोस्ट को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘मेरा एकमात्र मकसद लोगों को यह जानकारी देना है कि उनके नाम पर क्या किया गया है और उनके खिलाफ क्या किया गया है।’’ उसने पत्र के साथ लीक किया गया पहला दस्तावेज़ भी भेजा।
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